चाय बेचने वाले की बेटी ने 10 साल की उम्र में ताईक्वांडो में किया नाम रोशन

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कानपुर– एक चाय बेचने वाले की बेटी ने ताइक्वांडो में गोल्ड जीत कर अपना पिता और देश का नाम रोशन कर रही है। 10 साल की उम्र में ही पूजा ने गोल्ड मेडल जीता था। वहीं, नेशनल चैम्पियन ट्रॉफी में सिल्वर मडेल जीत कर एक कीर्तिमान हासिल कर चुकी हैं।

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ग्वालटोली परमट मन्दिर के पास एक झोपड़ी में सतीश चौहान अपनी पत्नी समेत 3 बच्चों के साथ रहते है। सतीश ने बताया, “पिछले 70 साल से हमलोग इस जगह पर रह रहें हैं। चाय की दुकान चलाकर किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करता हूं।” पूजा कक्षा 3 में कानपुर नर्सरी स्कूल में पढ़ती है। घर के सामने से कालोनी के छोटे-छोटे बच्चे सफ़ेद ड्रेस में निकलते हुए पूजा उन्हें देखती थी। एक दिन वह उन बच्चों के पीछे-पीछे ग्रीनपार्क चली गई और जब लौट कर आई तो अपने पिता से कहने लगी हमे भी ऐसी ड्रेस पहननी है। जो ये बच्चे वहां जाकर करते है मुझे भी वह करना है। इसके बाद पूजा के पिता ने लोगों की मदद से पूजा को ड्रेस लाकर दिए और उसे ताइक्वांडो सीखने के लिए भेज दिया। पूजा ने 10 साल की उम्र में ही यहां से लेकर राजस्थान तक कानपुर का परचम लहराया।

सतीश ने बताया, “बेटी पूजा को बचपन से ही फाइटिंग का शौक था। 3 साल की उम्र से ही उसके अंदर एक जुनून था। आज पूजा ताइक्वांडो में किक इतनी बेहतर और फुर्तीले पन से मारती है कि अपने कोच के न होने पर वहां मौजूद बच्चों को लीड करती है। पूजा को सपोर्ट करने के लिए न तो सरकार आगे आई और न ही कोई संस्था, किसी ने भी कोई मदद नही की। लेकिन हम अपनी बेटी के लिए जो ही सम्भव हो सकेगा वो सब कुछ करेंगे।”

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