छात्रों में पढ़ाई के लिए रूचि जगाने के लिए इस प्रिंसिपल ने अपनाया ये अनोखा तरीका

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सोनभद्र–यूपी के सोनभद्र में प्राइमरी स्कूल के प्रि‍ंसि‍पल ने स्कूल और पढ़ाई में बच्चों का इंटरेस्ट जगाने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है। क्लास रूम को ट्रेन और बस का रूप दिया गया है। इसकी वजह से अब पढ़ने आने वाले बच्चों की संख्या 10 से 100 हो गई है।

 

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सोनभद्र के प्राथमिक विद्यालय दुरावल खुर्द- घोरावल के प्रिंसिपल राजकुमार ने बताया, ”जब मैं इंटर में था तब ही पिता की मौत हो गई थी, जिसके बाद घर और दो बहनों की जिम्मेदारी आ गई। ट्यूशन पढ़ाकर जो पैसे अाए, उससे ग्रैजुएशन में एडमिशन लिया, लेकिन रोज कॉलेज जाने के लिए ट्रेन या बस के पैसे नहीं होते थे। मन में कसक रह जाती थी।”

राजकुमार ने दोस्तों से नोट्स लेकर पढ़ाई की और 2005 में बीटीसी से टीचर के लिए सि‍लेक्शन हुआ। 2012 में जब प्राथमि‍क विद्यायल में अप्वाइंट हुआ तो बहुत कम बच्चे आते थे और किसी का भी पढ़ाई में इंटरेस्ट नहीं था। मां-बाप भी खुद बच्चों को नहीं पढ़ाने भेजते थे। बच्चों में स्कूल आने और पढ़ाई में इंटरेस्ट बढ़ाने के लिए इन्होने स्कूल और क्लास रूम को ट्रेन और बस की शक्ल दी। इसके पीछे ये रीजन भी था कि बच्चों को बस और ट्रेन की फिलिंग बचपन से हो और वो आगे बढ़ें। इसका नतीजा ये है कि कभी स्कूल में 10 से 15 ही बच्चे मुश्किल से आते थे, लेकिन अब करीब 100 बच्चे पढ़ने आते हैं।

एक्सप्रेस स्कूल के तीन क्लास रूम को एस-1, एस -2 और आगे इंजन का लुक दिया गया है।

एक मॉर्डन क्लास रूम को बस की तरह तैयार किया गया है। क्लास रूम में ट्रेन की तरह सिटिंग अरेजमेंट भी किया गया है। हर क्लास रूम मॉर्डन बनाया जा रहा है। जिन बच्चों को कॉपी, किताब या बैग की जरूरत होती है, उनकी मदद की जाती है। यही सोच है कि मेरी तरह गरीबी में किसी का हौसला न टूटे।

राजकुमार ने बताया, ”सरकार स्कूल की पेटिंग, मेनटेनेंस के लिए साल में 6 हजार रुपए देती है।” उन्होंने बताया कि स्कूल को बस-ट्रेन जैसा लुक देने में उनके खुद के 70 हजार रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके हैं।

 

 

 

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