राम जन्माभूमि परिसर में हुए आतंकी हमले की सुनवाई टली 

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इलाहाबाद — अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में साल 2005 में हुए आतंकी हमले के मामले में गुरुवार को फैसला आना था लेकिन इलाहाबाद की स्पेशल कोर्ट ने इस फैसला को तीसरी बार टाल दिया। कोर्ट अब इस मामले की फिर से सुनवाई करेगी। कोर्ट ने मामले में तीन गवाहों को बयान के लिए बुलाया है।

राम जन्म भूमि परिसर में हुए आतंकी हमले की अब फिर से पांच दिसम्बएर से सुनवाई होगी। सन 2005 में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा कराए गए राम जन्म भूमि परिसर में हमला हुआ था जिसमें पांच आतंकवादी और एक टूरिस्ट गाइड समेत 7 लोग मारे गए थे, जबकि हमले में सीआरपीएफ व पीएसी के 7 जवान गंभीर रूप से ज़ख़्मी हुए थे।

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सुरक्षा कारणों से आज इस मामले का फैसला इलाहाबाद की नैनी सेन्ट्रल जेल में बनाई गई अस्थाई अदालत व स्पेशल जज प्रेम नाथ की कोर्ट को फैसला सुनाना था। हमले की जांच कर रही टीम ने इस मामले में बाद में 5 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनमें दिल्ली के साकेत नगर में क्लीनिक चलाने वाला सहारनपुर का डॉ. इरफ़ान मास्टर माइंड है, जबकि बाकी चार लोग जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के मेंडर के रहने वाले हैं। 

गौरतलब है कि अयोध्या के राम जन्म भूमि परिसर में यह आतंकी हमला पांच जुलाई साल 2005 को सुबह करीब सवा नौ बजे से शुरू हुआ था। हथियारों और गोला बारूद से लैस पांच अज्ञात आतंकियों ने इंट्री प्वाइंट पर लगे बैरियर को लूटकर लाई गई मार्शल जीप में ब्लास्ट कर तोड़ दिया था। 

यह हमला लश्कर-ए-तैयबा ने बाबरी मस्जिद की घटना का बदला लेने की नीयत से कराया था। वहीं इस हमले में गिरफ्तार पांचों आतंकियों डॉ. इरफ़ान, आसिफ इकबाल उर्फ़ फारूक, शकील अहमद, मोहम्मद अजीज व मोहम्मद नसीम पर फैज़ाबाद की अदालत ने आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 353, 153, 153 A, 153 B, 295, 120 B के साथ ही 7 क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट, अनलॉफुल अमेंडमेंट एक्ट की धारा 16, 18, 19, 20 व पब्लिक प्रॉपर्टी डैमेज एक्ट की धाराओं में  आरोप तय किये गए थे। जिस पर फैसला आना है।  

 

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