नकल पर नकेल का द‍िखा असर, इस साल यूपी बोर्ड में ज्यादा बच्चे हुए फेल

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न्यूज डेस्क — उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में नकल पर नकेल का बड़ा असर दिया जिससे पिछले साल की तुलना में इस साल हाईस्कूल में फेल होने वाले परीक्षार्थी का प्रतिशत 6.02 और इंटरमीडिएट में फेल होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत 10.19 रहा है.

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दरअसल सीएम के कड़े रुख के बाद उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सभी 8,549 परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षाएं आयोजित कराईं. नकल के खिलाफ सख्ती से 11 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने बीच में ही परीक्षाएं छोड़ दी थीं, जबकि 1,000 से अधिक लोगों को अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए पकड़ा गया था.यूपी बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017 में हाईस्कूल की परीक्षा में कुल 29,98,492 परीक्षार्थी शामिल हुए थे जिसमें से 24,34,242 परीक्षार्थी (81.18 प्रतिशत) उत्तीर्ण हुए थे. वहीं 2018 में हाईस्कूल की परीक्षा में कुल 30,28,767 परीक्षार्थी शामिल हुए जिसमें से 22,76,445 परीक्षार्थी (75.16 प्रतिशत) उत्तीर्ण घोषित हुए.

इसी प्रकार, इंटरमीडिएट की परीक्षा में पिछले साल 25,22,017 परीक्षार्थी शामिल हुए जिसमें से 20,83,724 परीक्षार्थी (82.62 प्रतिशत) उत्तीर्ण घोषित हुए थे, जबकि इस वर्ष की इंटरमीडिएट की परीक्षा में 26,04,093 परीक्षार्थी शामिल हुए जिसमें से 18,86,050 परीक्षार्थी (72.43 प्रतिशत) उत्तीर्ण घोषित हुए.

गौरतलब है कि 6 फरवरी से शुरू हुई यूपी बोर्ड की परीक्षा के प्रथम दिन 1,80,826 परीक्षार्थियों ने बीच में ही परीक्षा छोड़ दी, जबकि दूसरे दिन यह संख्या बढ़कर 2,14,265 और तीसरे दिन यह बढ़कर 6,33,217 पहुंच गई. परीक्षा के चौथे दिन ऐसे परीक्षार्थियों की संख्या बढ़कर 10,44,619 पहुंच गई. अंतिम दिनों तक यह संख्या बढ़कर 11 लाख से ऊपर पहुंच गई थी.

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