पूरे गांव को लीलने के लिए बेताब घाघरा

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बहराइच– घाघरा नदी का कहर थम नहीं रहा है। कैसरगंज तहसील क्षेत्र के भिरगूपुरवा गांव को निशाने पर ले लिया है। इसके साथ ही रोहितपुरवा और मंझारा तौकली में भी नदी तेज कटान कर रही है। 

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रात से अब तक 14 ग्रामीणों के मकान नदी में समाहित हो चुके हैं। 110 बीघा खेती योग्य जमीन भी कटान की भेंट चढ़ी है। सूचना के बावजूद अब तक कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। वहीं ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हैं। नेपाल के पहाड़ों पर निरंतर हो रही वर्षा के चलते घाघरा नदी का पानी कम ज्यादा हो रहा है। रविवार रात से नदी के जलस्तर में इजाफा शुरू हुआ। इसके चलते कटान अचानक बढ़ गई है। रात से सुबह तक घाघरा की लहरों ने भिरगूपुरवा गांव निवासी रामविलास, श्रीराम, राजा, संतराम यादव, मंगरे, बुधराम समेत आठ ग्राामीणों के मकान को लील लिया। वहीं रोहितपुरवा निवासी पंचम, छैलू, शिवनाथ के मकान नदी में समाहित हुए। जबकि मंझारा तौकली में दो ग्रामीणों का अहाता घाघरा की कटान की भेंट चढ़ गया है।

भिरगूपुरवा गांव में 300 मकान थे। लेकिन कटान के डर से अब तक 260 लोगों ने अपने आशियाने उजाड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है। इसके चलते गांव खंडहर की तरह नजर आ रहा है। उधर नदी की लहरें महावीरपुरवा, बहरइचनपुरवा, गुलाबसिंहपुरवा, चमरौधी, बिरजा पकड़िया, गोड़हिया नंबर तीन के पास कटान करते हुए खेती योग्य जमीन को भी लील रही है। 110 बीघा खेती योग्य जमीन कटान की भेंट चढ़ी है। तेज कटान से लोग दहशत में हैं। सूचना तहसील को दी गई है, लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। भिरगूपुरवा गांव में जो ग्रामीण बचे हैं, वह अपनी गृहस्थी सहेजने के लिए चिंतित दिख रहे हैं।

(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, बहराइच)

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