कानपुर सेंट्रल के इस प्लेटफॉर्म के बीचों-बीच है मजार,कुछ ऐसी है मजार से जुड़ी कहानी

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कानपुर– कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 के बीचो-बीच एक 15 फीट लंबी और 2 फीट चौड़ी जगह को सफेद रंग से पेंट किया हुआ है। ये जगह हर गुरुवार को एक धार्मिक स्थल के रूप में तब्दील हो जाती है और यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है।

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बताया जाता है कि यहां एक काफी लंबे अरसे से एक मजार मौजूद है। प्लेटफार्म पर बाकायदा बोर्ड भी लगा हुआ है। ‘जिस पर लिखा है, हजरत सैयद लाइन शाह बाबा मजार, प्लेटफार्म नंबर 3, कृपया सफाई का विशेष ध्यान रखें।’ वहीं, इस मजार से जुड़ी कहानी भी काफी दिलचस्प है।

करीब 50 साल पहले जब यहां रेल की पटरियां बिछाने का काम शुरू किया गया था, तब दिन में यहां पटरियां बिछाई जाती थीं, लेकिन जब अगले दिन आकर देखा जाता तो पटरियां उखड़ी हुई मिलती थीं। उस समय लोगों का मानना था कि कोई रूहानी ताकत रात में पटरियां उखाड़ देती थी। पटरियों के उखड़ने का सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। तभी यहां काम करने वाले एक वर्कर को सपना आया कि अगर यहां एक मजार बना दी जाए तभी पटरियां बिछाने का काम सफल हो सकता है। इसके बाद मजार का निर्माण कराया गया। इसके बाद से यहां आकर लोग मन्नते मांगने लगे और लोगों की मन्नतें पूरी भी होने लगी। फिर क्या था लोगों की आस्था लगातार बढ़ने लगी और अब ये आलम है कि हर गुरुवार यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। यहां चादर चढ़ाई जाती है। फूल चढ़ाए जाते हैं। अगरबत्तियां और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं।

करीब 50 साल से लोग यहां मन्नत मांग रहे हैं। गुरुवार के दिन दीप जलते हैं और चादर चढ़ती है। इसके साथ ही कव्वाली जैसे कार्यक्रम का आयोजन भी होता है।

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