एलडीए अधिकारियों और ठेकेदारों की मिली भगत से, रोड़ के नाम पर “अरबों का घोटाला”

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लखनऊ –उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रोड़ के नाम पर अरबों रुपये के घोटले का मामला सामने आया है।यहीं कानपुर रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में एलडीए अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से अरबों रुपये का घोटाला किया गया। वर्षों में लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा इस क्षेत्र में अरबों रुपये खर्च करने के बाद भी ये क्षेत्र आजतक नगर निगम को नहीं सौंपा जा सका है । जानकारों का कहना है कि राजधानी लखनऊ के महत्वपूर्ण व्यवसायिक क्षेत्र ट्रांसपोर्ट नगर प्राधिकरण के इंजीनियरों और ठेकेदारों की अवैध कमाई के लिए स्वर्ग जैसा है। इसीलिए आज तक अरबों रुपये खर्च करने के बाद भी यह क्षेत्र अविकसित है जिसे नगर निगम को नहीं सौंपा गया ।

 

ताज़ा मामला एलडीए ज़ोन दो के अंतर्गत आने वाले ट्रांसपोर्ट नगर का है जहाँ पिछले कई बर्षो से आरसीसी सड़को का निर्माण कार्य जारी है । इन सड़को का निर्माण कार्य मायावती सरकार के दौरान शुरू हुआ और पिछली सपा सरकार में भी यहाँ आरसीसी सड़को पर काम लगातार जारी रहा और आज भी इन सड़कों पर काम चल रहा है । 

एलडीए द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर के व्यवसायिक महत्व को देखते हुए अनेक कार्य किये गए और आज भी कई काम जारी हैं । इसमें एक सबसे महत्वपूर्ण काम पूरे ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में आरसीसी सड़कों का जाल बिछाना था । इन सड़कों को बनाने का मुख्य उद्देश्य भारी वाहनों के आवाजाही को सरल सुगम रखना और टूट फूट से मुक्त लंबी अवधि के लिए सुरक्षित सड़क बनाना था । मगर अपने निर्माण के एक वर्ष के भीतर ही ये सड़के टूटने लगी और जगह-जगह इनमें बड़े-बड़े गड्ढे बन गए और सरिया भी बाहर निकल आयी ।

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वहीं जिन सड़को की उम्र तय मानकों के हिसाब से करीब 28 से 30 वर्ष होनी चाहिए थी वह एलडीए इंजीनियरों और ठेकेदारों की कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गई.और घटिया निर्माण सामग्री के इस्तमाल से दुर्घटनाओं का भी सबब बनी हुई हैं । वहीं गुरुवार 9 नवम्बर को एक बार फिर से एलडीए अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से गड्ढों को भरा जाने लगा । 

यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि पहले भी आरसीसी सड़को के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को डामर और गिट्टी से छुपाने के प्रयास ठेकेदारों और एलडीए के इंजीनियरों द्वारा किया गया था । इस भ्रष्टाचार के खेल के विषय में जब एलडीए वीसी प्रभु नाथ सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो उनकी तरफ से कोई भी ज़वाब नहीं मिला ।शासन में जब इस पर जन सुनवाई पोर्टल के माध्यम से जानकारी मांगी गई तो उनकी तरफ से भी किसी तरह का कोई उत्तर नहीं मिला ।

गुरुवार को जब गड्ढे भरने की जानकारी सूत्रों से मिली तो इस विषय पर ठेकेदार प्रताप ने कहा कि उसको एलडीए ने गड्ढे भरने का काम दिया है और ये कोई पुरानी आरसीसी सड़को के भ्रष्टाचार को छुपाने का मामला नहीं हैं ।वहीं जब इस विषय में एलडीए ज़ोन दो के अधिकारी आरडी राय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोई नया टेंडर गड्ढे भरने को लेकर जारी नहीं हुआ है । शिकायत मिली थी कि गड्ढों के कारण आम लोगों को दिक्कत हो रही है । उसी को ठीक कराने का काम ठेकेदारों का दिया गया है । इसमें भ्रष्टाचार को छुपाने या जाँच को प्रभावित करने की कोई मंशा नहीं है ।

रिपोर्ट-अंशुमान दुबे लखनऊ

 

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