प्रतापगढ़ के 132 ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट घोटाला, DM ने जांच शुरू की

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प्रतापगढ़ — उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में 132 ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट के नाम पर शासकीय धनराशि की लूट किये जाने का मामला प्रकाश में हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी ने इस पर ऐक्शन लिया है। जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के 132 ग्राम पंचायतों में स्थापित स्ट्रीट लाइट की जांच के लिए समिति का गठित की गयी है जिनमें जिला पंचायत राज अधिकारी, परियोजना निदेशक डीआरडीए, अधिशासी अभियन्ता आरईडी, अधिशाषी अभियन्ता जल निगम एवं सम्बन्धित विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी सम्मिलित है।

जिलाधिकारी ने जांच समिति में नामित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आपस में समन्वय स्थापित कर 132 ग्राम पंचायतों में सम्बन्धित बिन्दुओं की जांच करें जिनमें क्या ग्राम पंचायत द्वारा स्ट्रीट लाइट लगवाये जाने से पूर्व विद्युत विभाग से वैध विद्युत कनेक्शन लिया गया था, यदि क्रय की गयी सामग्री का मूल्य एक लाख से अधिक है तो क्या सामग्री क्रय करने से पूर्व टेण्डर आमंत्रित किया गया है, क्या सामग्री क्रय करने में कार्य को टुकड़ों में तो नही विभाजित किया गया है, क्या सामग्री की गुणवत्ता अधोमानक एवं सामग्री का मूल्य वास्तविक मूल्य से अधिक तो नही है।

यदि ग्राम पंचायत द्वारा बिना वैध विद्युत कनेक्शन के स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है तो दोषियों के विरूद्ध चोरी में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है, यदि ग्राम पंचायत सचिव/ग्राम प्रधान द्वारा कार्यो को टुकड़ों में विभाजित कर एवं बिना वित्तीय नियमों का पालन किये सामग्री क्रय की गयी है तो ग्राम पंचयत सचिव एवं प्रधान के विरूद्ध सुसंगत नियमावली के अन्तर्गत कार्यवाही की जाये। यदि किसी धनराशि के गबन का प्रकरण प्रकाश में आता है तो दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये वैधानिक कार्यवाही भी की जाये।

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यदि किसी विकास खण्ड में केन्द्रीयकृत सामग्री आपूर्ति की गयी है और इस आशय की जानकारी सहायक विकास अधिकारी (पं.) द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी गयी है तो सम्बन्धित सहायक विकास अधिकारी (पं.) द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को नही दी गयी है तो सम्बन्धित सहायक विकास अधिकारी (पं.) के विरूद्ध कार्यवाही हेतु निदेशक पंचायती राज को प्रस्ताव भिजवायें एवं सम्बन्धित फर्म के विरूद्ध गबन की गयी धनराशि की वसूली एवं अन्य वैधानिक कार्यवाही की जाये।

जिलाधिकारी ने उपरोक्त बिन्दुओं की सघन जांच हेतु समिति को निर्देशित किया है कि जांच के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता प्रकाशित/संज्ञानित होने पर दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों/पंचायत ग्राम सचिव एवं ग्राम प्रधान के विरूद्ध अनुशासनात्मक/वैधानिक कार्यवाही हेतु अपनी संस्तुति सहित सुस्पष्ट आख्या उपलब्ध करायें।

(रिपोर्ट- मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)

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