पतंजलि मेगा फूड पार्क विवाद सुलझा ,91 एकड़ जमीन देगी योगी सरकार !

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न्यूज डेस्क — योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के साथ उत्तर प्रदेश सरकार का विवाद अब सुलझ गया है, योगी सरकार पतंजलि की शर्तों के मुताबिक नियमों में संशोधन करने के लिए तैयार हो गई है.

पतंजलि मेगा फूड पार्क परियोजना को उत्तर प्रदेश में ही बने रहने के लिए योगी सरकार पतंजलि आयुर्वेद लि. की शर्तों को मानने को तैयार हो गई है.माना जा रहा है कि 12 जून की कैबिनेट बैठक में ये संशोधन प्रस्ताव पेश किया जा सकता है.

दरअसल सीएम योगी के निर्देश के बाद मुख्य सचिव की बैठक में इस पर निर्णय लिया गया.इस बैठक में औद्योगिक निवेश आयुक्त एवं प्रमुख सचिव खाद्य प्रसंस्करण भी उपस्थित रहे.योगी सरकार संशोधन प्रस्ताव में पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क को 91 एकड़ भूमि की मंजूरी देने की तैयारी है.

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बता दें, ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित पतंजलि फूड पार्क को यूपी से बाहर ले जाने के आचार्य बालकृष्ण के ऐलान के बाद यूपी सरकार हरकत में आ गई. सीएम योगी ने इस मामले में खुद हस्तक्षेप करते हुए मामले को बढ़ने से रोका. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की दो बार रामदेव से बात हुई, जिसके बाद मामला शांत हुआ. योगी ने कहा कि फूड पार्क का प्रस्ताव लगभग पूरा हो चुका है. कुछ छोटी-मोटी अड़चनें हैं, जिन्हें जल्द ही निपटा लिया जाएगा. वहीं सीएम से बात होने के बाद बाबा रामदेव भी संतुष्ट दिखे और फूड पार्क को यूपी से बाहर न ले जाने की बात कही.

इससे पहले मंगलवार को बालकृष्ण ने यह कहकर हड़कंप मचा दिया कि प्रदेश सरकार की उदासीनता के कारण केंद्र सरकार ने मेगा प्रोजेक्ट रद्द कर दिया गया है. यह भी कहा कि पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अलग ले जाने का फैसला कर लिया है.

पतंजलि समूह की ओर से राज्य सरकार से अनुरोध किया गया था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में आवंटित 455 एकड़ जमीन में से 50 एकड़ जमीन पतंजलि फूड प्रोडक्ट्स को मेगा फूड पार्क की स्थापना के लिए ट्रांसफर कर दी जाए.अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त डॉ. अनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि चूंकि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को 455 एकड़ जमीन आवंटित करने का निर्णय कैबिनेट के स्तर से हुआ था,

इसलिए उसकी शर्तों में संशोधन करते हुए पतंजलि फूड प्रोडक्ट्स को उसमें से 50 एकड़ जमीन आवंटित करने का निर्णय भी कैबिनेट के स्तर से ही लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए कैबिनेट नोट तैयार हो चुका है। परामर्शी विभागों से राय लेने के बाद प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

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