Narak Chaturdashi 2021: नरक चतुर्दशी आज, पूजा से खत्म होता है अकाल मृत्यु का भय, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

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इस बार तीन नवंबर को नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) मनाई जाएगी, जिसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है। फिर अगले दिन 4 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। फिर अन्नकूट व उसके अगले दिन भैया दूज मनाई जाएगी। इसी महीने छठ पर्व भी है। एक के बाद एक त्योहारों के कारण ही सनातन धर्म को मानने वालों के लिए कार्तिक महीना खास है।

पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री का कहना है कि दीपावली से एक दिन पहले 3 नवंबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन सरसों और तिल का दिया जलाकर मृत्यु के देवता यम की पूजा की जाती है। शरीर में सरसों का तेल लगाकर स्नान करने से यमराज प्रसन्न होंते हैं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। बताया कि 3 नवंबर को 9 बजकर 02 मिनट तक त्रयोदशी तिथि रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी प्रारंभ हो जाएगी। इस दिन प्रदोष काल में दीप दान करना शुभ माना जाता है।

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Narak Chaturdashi

नरकासुर राक्षस का हुआ था वध

पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था, उसी के उपलक्ष्य में नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) मनाई जाती है। बताया कि इस दिन व्यक्ति को शरीर पर तेल की मालिश करनी चाहिए। यह भी पूजा का विधान है। इससे लोगों का रूप सुंदर होता है। इसलिए इसे रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस दिन यम की पूजा की जाती है। विधि विधान के अनुसार दीपावली से एक दिन पूर्व पुराने दीपक में सरसों का तेल और पांच अन्न के दाने डालकर इसे घर के सामने जलाकर रखा जाता है। इसे यम दीपक भी कहते हैं। मान्यता के अनुसार यम की पूजा करने से लोगों की अकाल मृत्यु नहीं होती है।

Narak Chaturdashi 2021

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आधी रात होती हैं पूजा

पुरोहितों के मुताबिक इस दिन काली देवी की भी पूजा की जाती है। यह पूजा नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) के दिन आधी रात में की जाती है। माना जाता है कि इस दिन मां काली की पूजा से जीवन के सभी दुखों का अंत हो जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा की जाती है,

क्योंकि इसी दिन नरकासुर राक्षस का वध भगवान श्री कृष्ण द्वारा किया गया था।भगवान भोलेनाथ और बजरंगबली की भी पूजा इस दिन की जाती है, ताकि जीवन में आने वाले सभी संकट टल सकें। मान्यता के अनुसार यदि नरक चतुर्दशी की पूजा विधि-विधान से की जाए तो व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और उसे स्वर्ग प्राप्त होता है। इस दिन हनुमान जयंती भी मनायी जाती है। हनुमान जी की पूजा करने से भय और कष्टों का नाश होता है।

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