देवी-देवताओं की मूर्ति तोड़ने पर हिंदूवादी संगठनों में आक्रोश

जिला प्रशासन पर लगाया अतिक्रमण हटाने के नाम पर मूर्ति तोड़ने का आरोप

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5 अगस्त को अयोध्या में भव्य राम मन्दिर निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रखी जानी है,जिसके अवसर पर पूरा हिन्दू समाज दीपोत्सव एवं घण्टा घड़ियाल बजाकर स्वागत करने की तैयारी में है तो वही सोनभद्र में जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने के नाम पर मन्दिर और मूर्तियों (मूर्ति) को तोड़ रहा है ।

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जिला प्रशासन के इस कार्य प्रणाली से जिले के सभी हिन्दुवादी संगठनों में आक्रोश व्याप्त है। जिसको लेकर आज हिंदूवादी संगठनों के लोगो ने बैठक कर जिला प्रशासन के विरुद्ध विरोध प्रकट किया और सरकार से मांग किया कि एसओ रामपुर बरकोनिया को तत्काल निलंबित किया जाय तथा इस मामले से जुड़े संलिप्त अधिकारियों को दंडित किया जाय। इसके साथ ही जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने के नाम पर मूर्ति तोड़ें जाने का कारण स्पष्ट करें।

महाभारत काल से है विजयगढ़ दुर्ग…

बता दें कि सोनभद्र जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर कैमूर श्रृंखला पर 1800 फीट ऊंचाई पर ऐतिहासिक , पौराणिक एवं धार्मिक मान्यताओं को समेटे विजयगढ़ दुर्ग (जिसे महाभारत काल मे विजयगिरी कहा जाता था) स्थित है। इस दुर्ग पर चोलवंशिय राजाओं का शासन रहा तो वही काशी स्टेट के राजा चेत सिंह का अंतिम युद्ध वारेन हेस्टिंग्स से यही विजयगढ़ दुर्ग पर हुआ था। यह युद्ध 6 माह तक चला और वारेन हेस्टिंग्स पराजित हुआ था। इस दुर्ग पर पुरातात्विक महत्व की भगवान गणेश , यम , वरुण , कार्तिकेय की मूर्ति स्थापित रही जिसे लोगो द्वारा तोड़ दिया गया था।

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वर्तमान समय मे जिला प्रशासन ने 8 जुलाई को किले के ऊपर से अतिक्रमण हटाने के नाम पर मन्दिर का बरामदा , पुजारी का निवास स्थान , हवन कुण्ड , अस्थायी यज्ञशाला एवं जुटा पहन कर मन्दिर के अंदर प्रवेश किया तथा त्रिशूल को उखाड़ फेंका। जिला प्रशासन का यह कार्य हिन्दू समाज व देवी – देवताओं का घोर अपमान है। आज सोनभद्र नगर के रामजानकी मन्दिर परिसर में जिले के सभी हिंदूवादी संगठन के लोगो मे जिला प्रशासन के खिलाफ बैठक कर विरोध प्रकट किया।

एसओ को निलंबित करने की मांग…

इस दौरान लोगो ने सरकार से मांग किया कि एसओ रामपुर बरकोनिया को तत्काल निलंबित किया जाय , मन्दिर में दर्शन व पूजन तत्काल की अनुमति प्रदान की जाय , अतिक्रमण के नाम पर मूर्ति तोड़े जाने का कारण स्पष्ट किया जाय और इस मामले में संलिप्त पदाधिकारियों चाहे कोई हो उसको दण्डित किया जाय।

किले पर श्रद्धालुओं एवं मीडिया कर्मियों को जाने नही दिया जा रहा है वहाँ ऐसा क्या हो रहा है जिसे समाज व मीडिया से छिपाया जा रहा है। आजाद भारत मे यह पहली घटना है कि मंदिर में प्रवेश पर प्रशासन ने तुगलकी ताला लगा दिया है। सोनभद्र जिला प्रशासन के इस कुकृत्य को बर्दाश्त नही किया जायेगा , इसका लोकतांत्रिक तरीके से पुरजोर विरोध किया जाएगा।

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(रिपोर्ट- रविदेव पाण्डेय, सोनभद्र)

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