योगी सरकार में नही रुक रहा अवैध खनन

कागजातों में हेराफेरी करके हासिल किया खनन पट्टा

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रिपोर्ट- रविदेव पाण्डेय

जिला प्रशासन ने बिल्ली – मारकुंडी खनन क्षेत्र अवैध खनन की शिकायत मिलने पर अवैध खननकर्ता पर एफआईआर करने का निर्देश जिलाधिकारी ने खनिज विभाग को दिया है लेकिन खनिज विभाग द्वारा अवैध खननकर्ता पर एफआईआर दर्ज नही कराया गया।

जबकि अवैध खनन रोकने को लेकर राज्य सरकार द्वारा खनन माफियाओ के खिलाफ की गयी कार्यवाही का असर जिले मे कही भी सुनने व देखने को नही मिल रही है। अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगाने की बात की जा रही है लेकिन सोनभद्र जनपद में अधिकारियों व खनन माफियाओं की मिलीभगत से यह खेल न सिर्फ बदस्तूर जारी है बल्कि इस खेल में दोनों हर साल सरकार को करोडो रुपये का चुना भी लगा रहे है।

20 से 25 हजार करोड़ का सालाना कारोबार

सूत्रों की माने तो खनन में वैध – अवैध मिलाकर लगभग 20 से 25 हजार करोड़ का सालाना कारोबार करने वाला जनपद सोनभद्र सरकारी खजाने में महज 100 करोड़ ही जमा करता है और शेष करोडो रुपये ऊपर से लेकर निचले स्तर तक बाँट दिए जाते है। यही कारण है कि सब कुछ अवैध होने के बावजूद ईमानदार अधिकारी इस खेल को देखकर भी अनदेखी कर देते है ।जिन अधिकारियों ने खनन की तरफ देखने की जुर्रत की कुछ दिनों बाद खनन माफियाओ के दबाव के चलते उसका तबादला कर दिया गया ।

अभी हाल में जनपद के खनन माफिया व खनिज अधिकारी की सांठ – गांठ के चलते खनन अधिकारी का तबादला कर दिया गया। खान अधिकारी 27 फरवरी 2020 को बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में हादसा हुआ जिसमे चार मजदूरो की मौत हो गयी थी। इस मामले में तत्कलीन खान अधिकारी केके राय मृतक मजदूरो के परिजन को सान्तवना देने के बजाय यह समझाते का वीडियो वायरल हुआ कि एफआईआर दर्ज कराओगे तो क्या मिलेगा इसलिए कुछ ले देकर मामला खत्म करो क्योंकि वह पट्टेधारक है उसका कुछ नही होगा।

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90 दिनों तक नहीं पहुंचे अधिकारी 

इस वारयल वीडियो का मुख्यमंत्री ने स्वतः संज्ञान लिया और तत्कालीन खान अधिकारी केके राय की जाँच करने के बजाय तबादला कर दिया गया।इतना ही नहीं 90 दिनों तक जनपद में कोई भी जिला अधिकारी नहीं आया। वही खनन माफिया पर एफआईआर दर्ज कराने के सम्बंध में जब खनिज अधिकारी मोहम्मद महबूब से बता किया गया तो कैमरे के सामने कुछ न बोलते हुए कहा की इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ही बोलेंगे उन्हें कुछ नही बोलना है।

लाखों मजदूरों के भविष्य को अनदेखी

बहरहाल यही कारण है सबे की सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी साल मे खनन पट्टे को ई टेंडरिंग के माध्यम से पटा दे रही है योगी सरकार पुरवा के सरकारों पर लगे अवैध खनन बीआईपी टैक्स वसूली किए दाग से बचते हुए फूंक फूंक कर कदम रख रही है । लेकिन सरकार ने लाखों मजदूरों के भविष्य को अनदेखा कर दिया । सोनभद्र की लाइफ लाइन खनन उद्योग अंधेरे में चली गई । यही कारण है कि अवैध खनन व्यवसाय यहां फल फूल रहा है ।

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