सुप्रीम फैसलाः पति, पत्नी और ‘वो’ का रिश्ता अब अपराध नहीं !

0 16

नई दिल्ली–पति, पत्नी और ‘वो’ का रिश्ता अब अपराध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अडल्टरी यानी विवाहेतर संबंध को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया है। कोर्ट ने IPC की धारा 497 में अडल्टरी को अपराध बताने वाले प्रावधान को असंवैधानिक करार दिया। 

Related News
1 of 1,034

गुरुवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर, जस्टिस इंदु मल्होत्रा, जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस आरएफ नरीमन की पांच जजों की बेंच ने एकमत से यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने हालांकि कहा कि अडल्टरी तलाक का आधार रहेगा और इसके चलते खुदकुशी के मामले में उकसाने का केस भी दर्ज हो सकेगा। यह ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने महिलाओं की इच्छा, अधिकार और सम्मान को सर्वोच्च बताया और कहा कि उन्हें सेक्शुअल चॉइस से रोका नहीं जा सकता है। 

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपने और जस्टिस खानविलकर की ओर से फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘हम विवाह के खिलाफ अपराध से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 497 और सीआरपीसी की धारा 198 को असंवैधानिक घोषित करते हैं।’ अलग से अपना फैसला पढ़ते हुए न्यायमूर्ति नरीमन ने धारा 497 को पुरातनपंथी कानून बताते हुए जस्टिस मिश्रा और जस्टिस खानविलकर के फैसले के साथ सहमति जताई। उन्होंने कहा कि धारा 497 समानता का अधिकार और महिलाओं के लिए समान अवसर के अधिकार का उल्लंघन करती है। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अडल्टरी अपराध तो नहीं होगा, लेकिन अगर पति और पत्नी में से कोई अपने पार्टनर के व्यभिचार के कारण खुदकुशी करता है, तो सबूत पेश करने के बाद इसमें खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला चल सकता है।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...