Lockdown में इंसान के बाद गाय-भैसों के चारे की भी हो रही कालाबाजारी

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लखनऊ–कोरोना वायरस की वजह से लाॅकडाऊन (lockdown) में पूरी मानवता पर संकट छाया हुआ है और ख़रब से ज़्यादा कि आबादी को घर में रहने को कहा गया है।

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लाॅकडाऊन (lockdown) में कालाबाजारी, जमाखोरी और सोशल-डिस्टेंसिंग को लेकर योगी सरकार जिम्मेदारों को लगातार सख्त दिशा निर्देश दे रही है लेकिन आटा, दाल, चावल के बाद गाय-भैंसो के राशन में मुनाफाखोर कालाबाजारी कर रहे हैं । 21 दिनों के लाॅकडाऊन के पहले ही दिन से जानवरों के राशन की कालाबाजारी शुरू हो गई है ।

लाॅकडाऊन (lockdown) में दुकानदारों की धन उगाही से हजारों गाय-भैसों की भूख से हालत नाजुक हो चुकी है और भूख से कई गायों की मौत हो चुकी है ।

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तिजोरी भरने व जानवरों को भूखा मारने के लिये दुकानदारों ने सांठगांठ कर रखी है, लाॅकडाऊन (lockdown) में अगल-अलग दिन बारी-बारी से दुकान खोल रहे हैं। दुकानदार 9 सौ रूपया कुंतल बिकने वाला भूसा 1500 के पार पहुंच गया है और चूनी व चोकर की बोरियां पर भी 300 रूपया ज्यादा वसूल कर रहे हैं।

मुंह मांगे दाम देने पर भी जानवरों के खाने का राशन नहीं दिया जा रहा है, घण्टों लाइन में लगने के बाद दुकानदार वापस कर रहे हैं ।

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सोशल डिस्टेंसिंग की भी उडाई जा रही हैं धज्जियां-

ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में बालागंज की कैटेल कालोनी में सरकार के दिशा निर्देशों के खुलेआम धज्जिया उडाई जा रही हैं। 400 रजिस्टर्ड दूध-डेरियों के लगभग 8000 जानवरों का चारा खरीदने के लिए खुली मात्र एक दुकान पर बिना सोशल-डिस्टेंसिंग के घण्टों पशु-पालको की भीड़ लगती हैं। हालांकि इस दौरान पुलिस भी मौजूद रहती है ।

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