Uttarakhand Avalanche: हिमस्खलन में फंसे 50 मजदूर निकाले गए, चार की मौत, रेस्क्यू जारी

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Uttarakhand Avalanche: उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा इलाके में 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन में फंसे मजदूरों के लिए बचाव अभियान जारी है। इस आपदा में 50 मजदूरों को बचा लिया गया है। हालांकि, ताजा अपडेट के मुताबिक, इनमें से चार लोगों की गंभीर चोटों के कारण मौत हो गई है। इस दुर्घटना के बाद भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, आईटीबीपी और अन्य एजेंसियों ने मिलकर बचाव अभियान शुरू किया।

Uttarakhand Avalanche: रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना के हेलीकॉप्टर तैनात

भारतीय सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव और मध्य कमान के जनरल ऑफिसर इन कमांड लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता ने ऑपरेशन की प्रगति और मौजूदा स्थिति की जानकारी दी है। लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव के मुताबिक, बचाव दल द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है। चूंकि सड़कें अवरुद्ध हैं, इसलिए कुल छह हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। इनमें भारतीय सेना के तीन चीता हेलीकॉप्टर, भारतीय वायुसेना के दो चीता हेलीकॉप्टर और एक नागरिक हेलीकॉप्टर शामिल हैं।

अब तक 50 लोगों को निकाला जा चुका है, लेकिन दुर्भाग्य से इनमें से चार गंभीर रूप से घायल लोगों की मौत हो गई है। बचाव अभियान के तहत लापता लोगों को खोजने का प्रयास जारी है। सेना के अनुसार, पांच श्रमिक अभी भी लापता हैं। इस बचाव अभियान की निगरानी के लिए मध्य कमान के जीओसी एनसी लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता और उत्तर भारत क्षेत्र के जीओसी डीजी मिश्रा दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

Uttarakhand Avalanche: 22 लोगों को बचाया गया

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माणा में दुर्घटनास्थल पर मौजूद लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता ने बताया कि यह दुर्घटना 28 फरवरी को हुई थी, जब हिमस्खलन के कारण श्रमिक आठ कंटेनरों में दब गए थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, 22 लोग संभवतः बचकर बद्रीनाथ की ओर चले गए, जबकि शेष श्रमिक हिमस्खलन में फंस गए। भारतीय सेना, आईटीबीपी और अन्य एजेंसियों के निरंतर प्रयासों से उन्हें निकाला गया।

पहले दिन के बचाव अभियान में कुछ लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया था। जबकि कठिन मौसम और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सेना और राहत दल पूरी रात अभियान में जुटे रहे और आज भी स्थिति वैसी ही है। सुबह तक 14 और लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। हालांकि, यह इलाका जोशीमठ से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित है और सड़कें बर्फ और भूस्खलन से ढकी हुई हैं, जिससे बचाव अभियान मुश्किल हो रहा है। फिलहाल गढ़वाल स्काउट्स और 7 असम रेजिमेंट के जवान लापता मजदूरों की तलाश कर रहे हैं।

माना जा रहा है कि वे अभी भी तीन कंटेनरों में फंसे हो सकते हैं, जो अभी तक नहीं मिल पाए हैं। भारतीय सेना ने बचाव अभियान में यूएवी (ड्रोन), रडार और अन्य तकनीकी संसाधनों को तैनात करने की योजना बनाई है, लेकिन खराब मौसम और सड़क की स्थिति के कारण चुनौतियां हैं। लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घटनास्थल का दौरा किया और सभी एजेंसियों के साथ समन्वय करके बचाव अभियान को सफल बनाने का आश्वासन दिया। सभी एजेंसियां ​​लापता मजदूरों को जल्द से जल्द खोजने और आज शाम तक अभियान पूरा करने के प्रयास में लगी हुई हैं।


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