कस्टडी से फरार हुआ कुख्यात बदन सिंह, दरोगा समेत 5 पुलिसकर्मी निलंबित

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फर्रुखाबाद–मेरठ के एक होटल से पुलिस कस्टडी से फरार हुए कुख्यात बदन सिंह बद्दो मामले में फतेहगढ़ एसपी ने एक दरोगा समेत 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। 

वह गाजियाबाद कोर्ट में पेशी पर लाया गया था। आरोप है कि फतेहगढ़ पुलिस कर्मियों की साठगांठ से एक लाख का इनामी बदमाश बद्दो भाग निकलने में कामयाब हुआ। मेरठ के पंजाबीपुरा निवासी बदन सिंह बद्दो अधिवक्ता रविंद्र सिंह के मर्डर के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। वह फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद था। सूत्रों के अनुसार, बदन सिंह बद्दो का फर्रुखाबाद जनपद में अच्छा नेटवर्क फैला हुआ है।

वह फतेहगढ़ जेल में मिलने आने वाले अपने करीबियों के साथ मिलकर कई दिनों से भागने की प्लानिंग कर रहा था, उसने जनपद के प्रभावी लोगों पर कानपुर स्थित उर्सला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराने का भी दबाव बनवाया था। सूत्रों के अनुसार, उर्सला में भर्ती होने की सेटिंग न होने के बाद बद्दो के साथियों ने  फतेहगढ़ पुलिस के कुछ कर्मियों को लंबी रकम का आॅफर देकर यह जाल बिछाया था। तभी बद्दो के तीन साथी फतेहगढ़ से ही बद्दो के पीछे-पीछे दूसरी कार में आ रहे थे। एक लाख के कुख्यात इनामी बदमाश के पुलिस कस्टडी से भाग जाने के बाद पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठने लगे है। 

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इन 6 पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाईः 

एसपी डाॅ अनिल कुमार मिश्र के अनुसार, बदन सिंह बद्दो को सब इंस्पेक्टर देशराज त्यागी,हेड कांस्टेबल संतोष कुमार, राजकुमार,सुनील कुमार और कांस्टेबल ओमवीर सिंह व डाइवर उपेंद्र के साथ पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ भेजा गया था, लेकिन यह सब गाजियाबाद कोर्ट में पेशी के बाद अपराधी के साथ मेरठ गए और वह इनकी कस्टडी से भाग निकला। इस मामले में उक्त पुलिसकर्मियों की संलिप्ता को देखते हुए निलंबन की कार्रवाई की गई है। इसके अलावा क्राइम ब्रांच प्रभारी संजय मिश्रा को मौके पर भेजा गया है। 

मेरठ के अधिवक्ता रविंद्र गुर्जर की साल 1996 में हुई हत्या के मामले में गौतमबुद्धनगर अदालत ने बदन सिंह बद्दो को 21 साल बाद 26 अक्तूबर 2017 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बदन सिंह व उसके भाई किशन सिंह के खिलाफ रविंद्र के भाई देवेंद्र सिंह ने केस दर्ज कराया था। वारदात के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था। दोनों को जमानत मिल गई थी। केस के विचारण के दौरान किशन की मृत्यु हो गई थी। पीड़ित पक्ष की याचिका पर हाईकोर्ट ने 2015 में केस मेरठ से गौतमबुद्ध नगर अदालत ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। इसके बाद बद्दो को सजा सुनाई गई। कुछ माह बद्दो को नोएडा से फर्रुखाबाद जेल स्थानांतरित कर दिया गया था।

( रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)

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