मध्य प्रदेश में ‘मामा’ का चौथी बार सीएम बनना तय, शाम 7 बजे ले सकते है शपथ

शिवराज सिंह चौहान आज शाम 7 बजे ले सकते हैं शपथ

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मध्य प्रदेश में कई दिन चले सियासी उठापटक के बीच एमपी एक नया मुख्यमंत्री मिल गया है। भाजपा आलाकमान ने मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के लिए शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj Singh) का नाम लगभग तय कर दिया है। माना जा रहा है वे आज शाम 7 बजे शपथ ले सकते हैं।

शिवराज सिंह सबसे मजबूत दावेदार

बता दें कि 20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सीएम पद की दौड़ में शिवराज ( Shivraj Singh) ही सबसे मजबूत दावेदार थे। वे 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मध्यप्रदेश के इतिहास में ये पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार सीएम पद की शपथ लेगा। शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं। इस बार शिवराज के साथ-साथ नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा के नाम की भी चर्चा थी।

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लेकिन भाजपा आलाकमान ने शिवराज के नाम ही मुहर लगा दी है। हालांकि इनमें शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता और सूबे का तीन बार मुख्यमंत्री होना, उन्हें दौड़ में सबसे आगे बनाए रख सकता है। शिवराज की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जनता उन्हें प्यार से मामा कहकर पुकारती है।

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2005 में पहली बार बने से सीएम

शिवराज सिंह चौहान पहली बार 29 नवंबर 2005 को बाबूलाल गौर के स्थान पर राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। शिवराज चौहान बीजेपी मध्य प्रदेश के महासचिव और अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे विदिशा संसदीय क्षेत्र से पांच बार लोकसभा का चुनाव भी जीत चुके हैं. उन्होंने पहली बार विदिशा लोकसभा सीट का चुनाव 1991 में जीता था। वे वर्तमान समय में सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

शिवराज को फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा 

हालांकि भाजपा सरकार बना लेती है, तब उसे विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा। पिछले साल महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधायकों के समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपकर सीएम पद की शपथ ली। इसके बाद भी उन्हें विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ा, जिसमें वे जीत गए। कर्नाटक में भी 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा बनी। राज्यपाल ने सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाया और येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने। 6 दिन बाद ही येदियुरप्पा ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इसी तरह शिवराज को भी फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा।

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