होम आइसोलेशन के लिए सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन, बदले ये नियम…

0 147

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन (home isolation) के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी की है। सरकार की ये गाइडलाइन कोरोना के माइल्‍ड, प्रीसिम्‍टोमेटिक और एसिम्‍टोमेटिक मामलों को लेकर है।

यह भी पढ़ें-कानपुर शूटआउट:…तो शायद बच जाती आठ पुलिसवालों की जान

सरकार के नए निर्देश के मुताबिक, जो पहले से एचआईवी और कैंसर के मरीज हैं उन्हें होम आइसोलेशन (home isolation) में नहीं, बल्कि अस्पताल में इलाज कराना होगा. वहीं, होम आइसोलेशन वाले मरीज लक्षण की शुरुआत के 10 दिन बाद डिस्चार्ज हो जाएंगे। लेकिन यहां ये भी देखना होगा कि मरीज को 3 दिन तक बुखार न हो।

Related News
1 of 1,032

नई गाइडलाइन के मुताबिक, हल्के लक्षण या बगैर लक्षण वाले मरीज जिनको कोई दूसरी बीमारी नहीं है वो होम आइसोलेशन (home isolation) में रहते हुए अपना इलाज करा सकेंगे, लेकिन इसके लिए पहले डॉक्टर की इजाजत जरूरी होगी। होम आइसोलेशन पूरा होने के बाद टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी।बड़ी संख्या में बिना लक्षण वाले मामले सामने आने के बाद ये नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

इन्हें आना होगा अस्पताल-

सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन में कहा गया है कि यदि होम आइसोलेशन (home isolation) में रह रहे मरीज को सांस लेने में दिक्‍कत होती है, सीने में दर्द शुरू होता है या बोलने में तकलीफ होती है तो उन्हें अस्पताल आना होगा. इसके अलावा 60 साल के ऊपर के मरीजों को अस्पताल में ही अपना इलाज कराना होगा।

इसके अलावा जिन्हें डायबिटीज, हाईपर टेंशन, कैंसर, किडनी, फेफड़ों से संबंधित बीमारी है उनको भी अस्‍पताल में ही इलाज कराना होगा। सरकार का साफ कहना है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को परिवार के सदस्‍यों से बिल्‍कुल ही अलग रहना होगा। मंत्रालय की ये गाइडलाइन उन सभी राज्यों के लिए है जिन्होंने होम आइसोलेशन की इजाजत दी है।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...