होली पर ऐसे करें असली – नकली रंगों की पहचान

नेचुरल रंगों को पहचानने के 5 तरीके.

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न्यूज डेस्क– रंगों के त्योहार होली पर रंगों का विशेष महत्व है, लेकिन मार्केट में नकली औक केमिकल वाले रंग आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। नकली और केमिकल वाले रंगों का पहचान करना बहुत आसान है।

यहां हम आपको बता रहे हैं होली के रंगों को पहचानने का तरीका:

कैसे करें पहचानः

1. आपने जो कलर लिया है उसकी पैकजिंग को अच्छे से जरूर चेक करते हुए रंग को बनाने में उपयोग हुई सामग्रियों को पढ़ें। इसमें आपको प्राकृतिक चीजें जैसे गुलाब, हल्दी आदि लिखे दिखाई दें तो कलर को लिया जा सकता है।

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2. आमतौर पर केमिकल युक्त रंग ज्यादा चमकीले और स्पार्कल वाले होते हैं वहीं नैचरल कलर्स की रंगत हल्की फीकी होती है क्योंकि उन्हें सुखाई गई प्राकृतिक सामग्रियों से बनाया जाता है। डिब्बा बंद कलर्स के भी टेस्टर दुकान में अवेलेबल होते हैं। इन बॉक्स में मौजूद कलर्स को देखें और अंतर पहचानें।

3. नैचरल कलर एक बार में ही स्किन से वॉश हो जाते हैं। अगर उसमें हल्दी हो उस स्थिति में जरूर आपको एक-दो बार हाथ धोना पड़ सकता है लेकिन पहले ही वॉश में आपको रंग धुंधलाता जरूर दिखेगा। इसी क्वॉलिटी को टेस्ट करने के लिए टेस्टर बॉक्स में से चुटकी भर कलर लें और स्किन पर लगाने के बाद उसे अपने पास मौजूद वॉटर बॉटल के पानी से धोकर देखें।

4. चूंकि नैचरल कलर्स को प्राकृतिक चीजों से बनाया जाता है इस वजह से इसकी लॉन्ग शेल्फ लाइफ नहीं होती है। ज्यादातर कलर्स को 6 महीने के अंतर इस्तेमाल करने की हिदायत लिखी हुई होती है। अगर कलर की पैकजिंग पर शेल्फ लाइफ 1 या 2 साल तक तक की लिखी है तो संभव है कि इसमें केमिकल मिलाया गया है।

5. आपको शायद यह बात नहीं मालूम हो लेकिन ऑर्गेनिक कलर्स बनाने वाले निर्माता रंगों को लेकर किए गए टेस्ट की लैब टेस्ट सर्टिफिकेट नंबर को पैकजिंग पर मेंशन करते हैं। आप चाहें तो शॉप पर मौजूद कर्मचारी से इस नंबर को पाने और उसके बारे में जानकारी ले सकते हैं।

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