खामोश हो गई ’लंकेश’ के गर्जना, ऐसा रहा ‘रावण’ से सांसद बनने तक का सफर

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रामानंद सागर के बहुचर्चित टीवी सीरियल ‘रामायण’ में लंकेश का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी का मंगलवार रात हॉट अटैक से निधन हो गया। इसी के साथ ही रावण की गर्जना अब हमेशा के लिए खमोश हो गई। अरविंद त्रिवेदी 82 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। अरविंद त्रिवेदी का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह किया जाएगा। 90 के दशक में रामानंद सागर की ‘रामायण’ में अपनी बुलंद आवाज से लोगों को भयभीत करने वाले लंकेश लंबे समय से बीमार चल रहे थे। इस बहुचर्चित टीवी सीरियल से अगर राम के रूप में अरुण गोविल को अमर पहचान मिली तो ऐक्टर अरविंद त्रिवेदी की रावण की भूमिका भी यादगार बन गई।

मैं लंकाधिपति रावण….

मैं लंकाधिपति रावण….हा हा हा…टीवी सेट पर जब उनकी आवाज गूंजती थी तो देखने वालों के भी रोंगटे खड़े हो जाते थे। रावण के रोल में उनकी गर्जना भला कौन भूल सकता है। अगर ऐक्टिंग के लिहाज से देखें तो अरविंद त्रिवेदी ने रावण की भूमिका में जान डाल दी थी। बाद में रामायण पर जितने भी सीरियल बने, सबमें रावण के किरदार को अरविंद त्रिवेदी की तरह कॉपी करने की कोशिश की,लेकिन असफल रहे। उन्होंने करीब 300 हिंदी और गुजराती फिल्मों में काम किया।

गुजराती रंगमंच से शुरु की थी अभिनय शुरूआत

बता दें कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्म अरविंद त्रिवेदी गुजराती रंगमंच से अभिनय का सफर शुरू किया। अरविंद त्रिवेदी को रावण की भूमिका निभाने के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। यही नहीं उन्होंने कई कई पॉपुलर गुजराती फिल्मों में भी काम किया है। उनका करियर गुजराती सिनेमा में 40 साल तक चला। त्रिवेदी ‘रामायण’ के अलावा टीवी के एक और पॉपुलर शो ‘विक्रम और बेताल’ में भी अपनी अदाकारी दिखाई थी। उन्होंने हिंदी और गुजराती सहित करीब 300 फिल्मों में भी काम किया। दिवंगत अभिनेता ने कई सामाजिक और पौराणिक फिल्मों में भी अभिनय किया था।

बीजेपी के टिकट पर लड़ा था चुनाव

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दिवंगत अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का सिनेमा के साथ-साथ राजनीति से भी जुड़ाव था। जब लोकप्रियता चरम पर थी तब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर साल 1991 में गुजरात की साबरकांठा सीट से चुनाव लड़े और भारी मतों से जीत दर्ज की। वह 1991 से 1996 तक लोकसभा के सांसद रहे। बता दें कि अरविंद त्रिवेदी अपने नाम से ज्यादा लंकेश नाम से मशहूर थे। वह जहां भी सभाएं करते, लोग उनसे रावण के डायलॉग बोलने को कहते। उस समय लंकेश की रैलियों में अपार भीड़ होती थी। लोग कई किमी दूर से पैदल चलकर उन्हें देखने और सुनने के लिए आते थे। चुनाव संबंधी दस्तावेजों में भी उनका नाम अरविंद त्रिवेदी (लंकेश) लिखा मिलता है।

कई बार उड़ी मौत की अफवाहें

अरविंद त्रिवेदी (रावण) के निधन की अफवाहें कई बार उड़ीं। साल 2019 में मई के महीने में अरविंद त्रिवेदी के निधन की अफवाह आग की तरह फैल गई थी। तब उनके भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने ट्विटर पर उसका खंडन किया था। गौरतलब है कि अरविंद त्रिवेदी का भारतीय सिनेमा में एक सफल करियर के साथ 1991 से 1996 तक संसद के सदस्य भी थे। उन्हें साबरकांठा निर्वाचन क्षेत्र से चुना गया था। इसके अलावा अरविंद त्रिवेदी सेंसर बोर्ड फॉर फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे।

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