ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा मंगल 12 को, इस बार ऐसे लगेगा भंडारा

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लखनऊ–लखनऊ की श्रेष्ठ परम्पराओ में से एक पावन परंपरा है- ग्रीष्म काल अर्थात ज्येष्ठ के महीने में पड़ने वाले मंगल को लगने वाले भंडारे। जिसमे मानव ही क्या पशु पक्षी सभी की आत्मा को तृप्त करने का सामर्थ्य है।

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लखनऊ वासी इस अवसर पर भंडारा आयोजित करके प्राणी मात्र की सेवा का अवसर पाते है। जेठ का माह प्रारम्भ हो गया है जिसका प्रथम बड़ा मंगल 12 मई को है। इस अवसर पर मा0 महापौर द्वारा एक प्रेस वार्ता का ऑनलाइन आयोजन दिनांक 10.05.2020 को समय 2.00 बजे किया गया।

मंगलमान अभियान का शुभारम्भ-

मंगलमान अभियान की जानकारी देते हुए अभियान के संयोजक डॉ राम कुमार ने बताया कि मंगल का मान बढ़ाने वाले मंगल के आयोजनों को सामाजिक सरोकारों से जोड़ कर परंपरा को अधिक सुदृढ़, सशक्त, प्रभावी बनाते हुए इसके ध्वजवाहकों को एक सूत्र में पिरो कर बड़े मंगल के मंगल भाव को वैश्विक पटल पर स्थापित करने के लिए गतवर्ष लखनऊ के अनेको गणमान्य व्यक्तियों के मार्गदर्शन एवं नगर निगम लखनऊ की मा0 महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया जी के संरक्षण में मंगलमान अभियान को शुभारम्भ किया गया था।

आदर्श भण्डारा लगाने वाले सम्मानित-

अभियान के प्रथम वर्ष में लगभग 1000 भंडारा आयोजकों को प्रत्यक्षतः अभियान से जोड़ा गया और शहर में भंडारों की स्वच्छता एवं व्यवस्था चर्चा का विषय बना। आयोजकों ने भंडारे का बाद स्वच्छता का वीडियो बना कर भी भेजा। जन सामान्य ने अभियान को सराहा और इसकी आवश्यकता को समय की मांग बताया। आखिरी मङ्गल आते आते अभियान लखनऊ की सीमाओं से निकलकर आस पास के जिलों तक भी पहुंचा। सभी वर्गों, पंथों, धर्मो के लोगो के मध्य यह अभियान एक अनुकरणीय पहल के रूप में स्थापित हुआ और स्वच्छता एवं पवित्रता का मंगल सन्देश पहुचाने में अभियान सफल हो रहा। आदर्श भण्डारा लगाने वालो का महापौर जी के द्वारा सम्मान किया गया और पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, सेवा जैसे सामाजिक सरोकार से जुड़ कर मङ्गल का मानवर्द्धन करने वाले आयोजकों का सार्वजानिक अभिनन्दन भी किया गया। Mangalman.in में पिछली बार नगर निगम के साथ मिलकर जनता ने नए प्रयोग किया और स्वच्छकता का विशेष ध्यान रखा गया।

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लखनऊ में कोई भूखा न सोए-

नगर निगम लखनऊ की मा0 महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने वार्ता में बताया कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई विशेष परिस्थितियों के चलते २०२० के ज्येष्ठ के मंगलो का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। आज की आवश्यकता हर मंगल को बड़ा मंगल और हर दिन को मंगल करने की है। परन्तु लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टैन्सिंग के दिशा-निर्देशों के परिपेक्ष्य में परंपरागत स्वरुप में भंडारों का आयोजन अत्यंत ही दुरूह कार्य है।

बड़े मंगलों का लखनऊ में अपना ही महत्व है। नगर निगम के द्वारा सभी ज़ोन्स में चलाये जा रहे कम्युनिटी किचन के माध्यम से जरुरत मंदो तक भोजन एवं अन्य आवश्यक सामग्री का वितरण किया जा रहा है। अनेको सामाजिक धार्मिक संस्थाए भी आपदा की इस घडी में सरकारी दिशा निर्देशो का पालन करते हुए यथासंभव प्रयास कर रही है। वर्तमान कठिन समय मे नगर निगम द्वारा संचालित कम्युनिटी किचन के साथ ही अन्य विभागों की कम्युनिटी किचेन के साथ ही सेवा भारती की कम्युनिटी किचन लखनऊ में गरीब लोगों की सेवा में अद्भुत कार्य कर ‘लखनऊ में कोई भूखा न सोए’ इस संकल्प को साकार करने में दिन रात प्रयत्न कर रहे है।

मंगलमान वेबसाइट पर है पूरा विवरण-

ऐसे में लॉक डाउन के नियमो का पालन करते हुए बड़े मंगल का त्यौहार कैसे मनाया जाए, इस पर चिंता की है मैंने रामकुमार जी के साथ जिसमे मंगलमान टीम के साथ विचार विमर्श के उपरांत तय हुआ कि शासन-प्रशासन, आयोजकों-भक्तो एवं वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान रखते हुए ई-भंडारा अर्थात (Easy, Economic, Environmental friendly, Electronically empowered, Effective Bhandara ) का विकल्प सर्वोत्तम विकल्प है।

ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा मंगल 12 को, Online सुंदरकांड पाठ और लगेगा ई-भंडारा

अतः नगर निगम लखनऊ और मैं आयोजकों से ई-भंडारा लगाने का आग्रह करता है क्योंकि आज के समय की आवश्यकता है कि हम *ई-भंडारा* करे। इसके किये समस्त भंडारा संचालक mangalman.in पर जाकर निशुल्क Registation करा सकते है, जहाँ उन्हें ई-भंडारा करने की समस्त प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त कर सकते है। मा० महापौर यह सेवा ज्येष्ठ मास के प्रत्येक दिवस पर उपलब्ध होगी। इसका पूरा विवरण मंगलमान की वेबसाइट (mangalman.in) पर उपलब्ध है।

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