धरती पर बिना सांस लिए जिंदा रहता है यह जीव

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न्यूज डेस्क–वैज्ञानिकों ने ऐसा जीव खोजा है जो धरती पर बिना सांस लिए जीवित रहता है। विज्ञान की यह खोज जीवों के प्रति वैज्ञानिकों के नजरिए को बदल सकती है। अभी तक यही माना जाता रहा है कि धरती पर मौजूद सभी जीवों को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। पहली बार वैज्ञानिकों ने ऐसा जीव खोजा है, जो कि एरोबिक रेस्परेशन (ऐसी मेटाबॉलिक प्रक्रिया जिसके तहत ऊर्जा ऑक्सीजन की उपस्थिति में उत्पन्न होती है) के बिना भी जीवित रह सकता है। यह एक परजीवी है जिसका नाम ब्लॉब है।

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मनुष्य और जीवों को जिंदा रहने के लिए सांस, और कार्य करने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। लेकिन यह जीव इन दोनों के बिना जीवित रहता है। इसे जीवित रहने के लिए एरोबिक रेस्परेशन की जरूरत नहीं होती है। एरोबिक रेस्परेशन एक ऐसी रसायनिक प्रक्रिया है जिसके जरिए जीव सांस लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं। इसी तंत्र के जरिए, कोशिकाओं में ऊर्जा का स्थानांतरण (ट्रांसफॉर्म्ड) होता है। ऐसे में वैज्ञानिकों की यह खोज, जीवन की उत्पत्ति को लेकर बहुत कुछ बयां करती है। नॉन-ऑक्सीजन ब्रीथिंग एनिमल की खोज वैज्ञानिकों की जीवन की उत्पत्ति और जीव संसार के प्रति दृष्टिकोण को बदल सकती है।

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क्या है पूरा मामला और कहां हुई खोज?

इस परजीवी का नाम हेनेगुया सैल्मिनिसोला है। इसे ब्लॉब नाम भी दिया गया है। इसकी खोज तेल अवीव विश्वविद्यालय के प्राणि विज्ञान विभाग के शोधकर्ताओं ने की है। इस खोज से जुड़े प्रोफेसर डोरोथे हचोन का कहना है कि अभी तक हम एरोबिक रेस्परेशन को ही ऊर्जा को प्रमुख स्त्रोत मानते रहे हैं, लेकिन इस परजीवी के मिलने के बाद वैज्ञानिकों को एक और महत्वपूर्ण मार्ग मिल सकता है। यह परजीवी सैल्मोनिड मछली की दस कोशिकाओं में मिलने वाले परजीवी से भी छोटा है।

इस परजीवी की खोज से पहले तक वैज्ञानिक यह मानते थे कि सभी जीव-जंतु सांस लेते हैं। लेकिन अब यह थ्योरी बदलती हुई दिख रही है।

हालांकि अभी वैज्ञानिकों के लिए यह खोजना बाकी है कि यह परजीवी आखिर ऊर्जा कैसे और कहां से प्राप्त करता है, जिसकी बदौलत यह जीवित रहता है। वैज्ञानिकों का यह शोध नेशनल अकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित हुआ है।

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