पायलट की दलीलों से रूक गई अशोक गहलोत की ताजपोशी !

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न्यूज़ डेस्क–कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश की तरह ही राजस्थान में भी युवा के ऊपर अनुभव यानी सचिन पायलट के ऊपर अशोक गहलोत को तरजीह देकर मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर लिया था.

लेकिन सचिन के अड़ जाने और राहुल गांधी के सामने अपने पक्ष में तर्कों के एक के बाद एक तीर ने फिलहाल गहलोत की ताजपोशी रोक दी है. हालांकि इन तर्कों के बाद भी सचिन ने भरे गले से राहुल गांधी से यही कहा कि मैंने अपनी दलील दे दी.अब आपका जो भी फैसला होगा, वो सिर माथे पर.

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सूत्रों के मुताबिक, सचिन ने कहा, ‘गहलोत ने अंदरखाने पार्टी के बागियों का साथ दिया.जिससे अगर वो जीतें तो बाद में उनका समर्थन हासिल किया जा सके. पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के लिए कई जगह दिक्कत खड़ी की गई.सचिन ने कहा, ‘मैं किसी जाति की राजनीति नहीं करता,तो मेरे गुर्जर होने की बात क्यों फैलाई जा रही है.गलत इरादे से कहा जा रहा है कि सिर्फ 4.5 फीसदी ही गुर्जर हैं, लेकिन मैंने कभी एक जाति की राजनीति नहीं की.’

पायलट ने कहा कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ को चुना गया,वहां जाति का मसला क्यों नहीं देखा गया? अगर अभी हमने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नतीजा दिया है तो 2019 में मेरे चयन से सीट नहीं आएगी,ये कैसे कहा जा सकता है? गहलोत 1998 में सीएम बने तब भी 2003 में पार्टी ने क्यों बुरा प्रदर्शन किया.गहलोत ही 2008 में सीएम बने, फिर उसके बाद 2013 और 2014 में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब क्यों हुआ?

पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने तर्क देते हुए कहा कि गहलोत अगर फिर मुख्यमंत्री बनना चाहते थे तो 2013 में हार के बाद वो खुद प्रदेश में रहकर ही लड़ाई लड़ते,दिल्ली की राजनीति में क्यो गए? अब वापस क्यों आना चाहते हैं, वो पार्टी के संगठन महासचिव जैसे अहम पद पर हैं और 2019 सामने है.

मेरे पक्ष में भी तमाम तर्क हैं. जिसे चुन लिया जाता है, उसके सपोर्ट में तमाम तर्क तैयार कर लिए जा सकते हैं. (युवा का नाम देकर चयन किया जा सकता है)जाहिर है इन तर्कों ने राहुल गांधी की मुश्किल बढ़ा दी है और जब राहुल आज यह फैसला लेंगे तो उन्हें सचिन के इन तर्कों को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा.

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