पत्रकार की हत्या मामले में खाकी को लेकर अब उठी ये मांग…

पत्रकार विक्रम जोशी के घर पर मातम छाया हुआ है।

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पत्रकार विक्रम जोशी के परिवारजनों को दस लाख रुपये, पत्नी को नौकरी तथा बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने की घोषणा की है। बदमाशों द्वारा चलाई गई गोली से जख्मी विक्रम जोशी की बुधवार की सुबह यशोदा हाॅस्पिटल में मौत हो गई थी।

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पत्रकार विक्रम जोशी के घर पर मातम छाया हुआ है। उनकी बड़ी बेटी लगातार विलाप कर रही है। उसके छोटे भाई बहनों को समझ नहीं आ रहा है कि उनके पापा उन्हें छोड़कर कहां चले गए। यूपी पुलिस की लापरवाही ने एक निर्दोष का परिवार उजाड़ दिया। हत्या की गवाह बनीं दोनों बेटियां बताती हैं कि बदमाशों द्वारा किस तरह घात लगाकर विक्रम जोशी की हत्या की गई।

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विक्रम की छोटी बेटी ने बताया कि, ‘गुंडों ने अचानक उन पर धावा बोल दिया।’ उसने बताया कि, ‘वो लोग गाड़ी के पीछे छुपे हुए थे और अचानक से आ करके हमें धकेल दिया। उसके बाद से फिर पापा को मारने लगे। इसके बाद मैं भागते हुए घर पर आई और घर पर बताया कि लोग पापा को मार रहे हैं। उसके बाद से सब उन्हें हॉस्पिटल लेकर गए।’

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बड़ी बेटी ने बताया कि, ‘हमलावर वहां पर पहले से ही छुपे हुए थे। अचानक से वे पापा को ढकेलकर पीटने लगे। मैंने लोगों से हेल्प करने के लिए बोला था पर किसी ने हेल्प नहीं की। लोग वहां पर खड़े थे, मगर देखते रहे। मैं सबसे बोलती रही कि मेरे पापा को बचा लो पर वहां खड़े सब लोग बस देखते रहे।’

विक्रम जोशी की बहन ने बताया कि, ‘हमने विक्रम की पत्नी और अपनी मां को तो उस दिन बताया भी नहीं, जिस दिन गोली लगी थी। अगले दिन सुबह हमने बताया। बात ज्यादा बिगड़ गई इसके बाद हमने मां और परिवार को बताया। भाई कभी भी झगड़े की बात घर में नहीं करता था।’ उन्होंने कहा कि, ‘चौकी इंचार्ज को केवल निलंबित करना काफी नहीं है। इससे अपराध और बढ़ेगा। खाली निलंबित होने से क्या होता है..? जॉब तो वापस मिल जाना है। इस पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।’

 

 

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