एम्बुलेंस की हड़ताल, मरीज बेहाल

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कानपुर देहात–प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए  टोल फ्री नंबर 102 और 108 एम्बुलेंस सेवा की शुरुवात की गयी थी। इन नंबरों पर करने पर कॉल करने पर एम्बुलेंस मरीज को अस्पताल पहुचती थी।

आज टोल फ्री नंबर 102 और 108, जो एंबुलेंस मरीज को लेने के लिए आती थी आज उन सभी लोगों ने प्रदेश स्तर पर अपने हड़ताल जारी रखी हुई है। कारण यह है कि इनकी 10 सूत्री मांगे जिनमें की इनकी वेतन बढ़ोतरी ड्यूटी 8 घंटे की जीवीके कंपनी से टेंडर हटा करके एनआरएचएम कंपनी को देने के लिए ड्यूटी करते वक़्त में किसी चालक की मृत्यु होने पर उसे 15 लाख का बीमा देने के, मजदूरों पर हो रहे शोषण को रोक इत्यादि मांगों के लेकर के 108 एंबुलेंस चालक प्रदेश स्तरीय हड़ताल कर दी है। जिससे कि मरीजों को काफी असुविधा हो रही है। चालको ने यह भी आरोप लगाया है कि जिस कंपनी से टेंडर है। वह ना तो समय से वेतन देती है ना ही गाड़ी चलने के लिए डीजल जिससे कि इन चालकों में रोष व्याप्त है।

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डीजल उपलब्ध ना हो पाने के कारण एंबुलेंस मौके पर तो मौजूद रहती है लेकिन वहां से मरीज को ले जाने के लिए मरीज के परिजनों से डीजल की मांग करनी पड़ती है जिससे मरीज के परिजनों से उनकी नोकझोंक यहां तक की हाथापाई भी हो जाती है। इन सब के जिम्मेदार इन्होंने जीवीके कंपनी जिनके द्वारा टेंडर है उनको ठहराया। साथ ही साथ इस कंपनी से टेंडर हटा करके एनआरएचएम को टेंडर देने की मांग की है।

(रिपोर्ट-संजय कुमार, कानपुर देहात)

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