लखनऊ– अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद का विवादों को गहरा नाता रहा है. शाहजहांपुर के एसएस लॉ कालेज की एक विधि की छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ किडनैपिंग और यौन शोषण का आरोप लगाया था.
पीड़ित लड़की ने फेसबुक पर वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद के ऊपर कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने की बात भी कही थी. इसके बाद पीड़िता रहस्यमयी अंदाज में गायब हो गई थी. उसके पिता ने इस संबंध में स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले का सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार को विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर पड़ताल का निर्देश दिया था. 30 अगस्त को ये छात्रा राजस्थान में अपने दोस्त के साथ मिली थी. इसके बाद से ही मुमुक्ष आश्रम के संचालक स्वामी चिन्मयानंद जांच के दायरे में बने हुए थे.
हालांकि उन्होने खुद के बचाव में दलील दी थी कि जिस तरह से उन्नाव के बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को फंसाया गया उसी तरह उन्हें भी फंसाने की साजिश रची जा रही है. लेकिन इस बीच सोशल मीडिया में स्वामी के आपत्तिजनक हालत में कई वीडियो वायरल हो गए.
गौरतलब है कि वर्ष 2011 में भी इस स्वामी के आश्रम में रहने वाली एक लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था. पीड़िता ने शिकायत में कहा था कि हरिद्वार में आश्रम में रहने के दौरान स्वामी चिन्मयानंद ने उससे दुष्कर्म किया था. 30 नवंबर 2011 को शाहजहांपुर में स्वामी चिन्मयानंद के ऊपर दुष्कर्म का मुकदमा भी दर्ज हुआ था. इस मुकदमे के खिलाफ चिन्मयानंद ने हाईकोर्ट की शरण ली. जहां से उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गयी थी. बीते साल 6 मार्च को यूपी की योगी सरकार ने उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने के लिए शाहजहांपुर प्रशासन को पत्र लिखा था. जिस पर कार्यवाही करते हुए जिला प्रशासन ने दर्ज मुकदमा वापस लेने की सिफारिश भी कर दी थी. इसे लेकर विपक्ष ने कड़ी नाराजगी जतायी थी. इस मामले से चिन्मयानंद उबर ही नहीं सके थे कि मौजूदा प्रकरण सामने आ गया. और इस पूर्व मंत्री पर कानून का शिकंजा कसने लगा.
पीड़िता का सोमवार को 164 के तहत कलमबंद बयान दर्ज करवाया गया था, इसके बाद कड़े पुलिसिया बंदोबस्त के बीच आज सुबह एसआईटी ने उन्हें शाहजहांपुर के मुमुक्ष आश्रम में गिरफ्तार कर लिया. चिकित्सीय परीक्षण के बाद अब एसआइटी चिन्मयानंद को अदालत में पेश करके आगे की कार्यवाही संचालित की जा रही है. एसआईटी सूत्रों के मुताबिक मामले में कड़ी से कड़ी जोड़ी जा रही है. सभी तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट का मसौदा तैयार हो रहा है. जो भी वीडियो क्लिप या साक्ष्य मिले हैं, उनकी सत्यता भी जांची जा रही है.
इस मामले में पुख्ता सुबूत के साथ एसआईटी तथ्यों को आगे रखेगी. जाहिर सी बात है कि धर्म का चोले ओढ़े हुए स्वामी चिन्मयानंद की कानूनी मुश्किलें बढ़ चुकी हैं. अदालती निगहबानी में जारी पड़ताल से पीड़ित पक्ष इंसाफ की आस लगाए हुए है.