सेना भर्ती में बड़ी धांधली आई सामने, 40 पर केस दर्ज

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न्यूज डेस्क– उत्तर प्रदेश के कानपुर में 2016 में हुई रैली सेना भर्ती मामले में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस भर्ती में रिश्वत देकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए 34 लोगों ने परीक्षा पास की थी। यही नहीं इनमें से 30 लोगों ने नौकरी ज्वाइन कर ट्रेनिंग भी हसिल कर ली।

मामले में सेना भर्ती कार्यालय में तैनात रहे हवलदार गिरीश एनएच ने बिचौलिए के जरिये रिश्वत लेने की बात कुबूल की है। वही इस मामले में सीबीआई ने 40 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सूचना के मुताबिक प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे नोएडा, बागपत, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, रायबरेली और बुलंदशहर के रहने वाले इन युवकों ने खुद को हमीरपुर का निवासी बताते हुए फर्जी डोमिसाइल बनवाए।

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सीबीआई ने अपनी एफआईआर में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले इन 34 लोगों के साथ ही सेना के हवलदार गिरीश एनएच, 5 बिचौलियों और हमीरपुर के एसडीएम व तहसीलदार के कार्यालय में तैनात रहे अज्ञात कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

दरअसल कानपुर छावनी में 3 अगस्त 2016 से 16 अगस्त 2016 के बीच औरैया, बाराबंकी, फतेहपुर, कन्नौज, बांदा, गोंडा और हमीरपुर के युवाओं के लिए सेना भर्ती की रैली हुई थी। यह भर्ती शारीरिक जांच, लिखित परीक्षा व स्वास्थ्य परीक्षण के जरिये हुई।

इसमें हमीरपुर के 34 ऐसे अभ्यर्थियों को भर्ती कर लिया, जो अन्य जिलों के रहने वाले थे। इन सभी ने फर्जी निवास प्रमाण पत्र के सहारे खुद को हमीरपुर का बताया। ये निवास प्रमाण पत्र हमीरपुर तहसील से उप जिलाधिकारी ने जारी किए थे।

सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने एसटीएफ की सूचना के आधार पर 12 दिसम्बर 2017 में लखनऊ कैंट स्थित मध्य कमान सेना के भर्ती मुख्यालय के अज्ञात अधिकारियों-कर्मचारियों व अन्य के खिलाफ पीई दर्ज कर जांच शुरू की। आरोप सही पाए गए तो स्पेशल क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने 19 अप्रैल 2018 को एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी।

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