350 करोड़ की लागत से पूरे होंगे गोमती रिवर फ्रंट के अधूरे काम

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लखनऊ– गोमती रिवर फ्रंट का काम अखिलेश सरकार में 2015 में शुरू हुआ था। इसका शुरुआती बजट 550 करोड़ रुपये था। बाद में इसकी लागत बढ़कर 1467 करोड़ रुपये हो गई। योगी सरकार आने तक परियोजना पर 1427 करोड़ रुपये खर्च भी हो चुके थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक की तो परियोजना पूरी करने के लिए 1500 करोड़ से ज्यादा का अतिरिक्त बजट और बताया गया।

इस पर सीएम की नाराजगी की बाद जांच शुरू हुई। पहले एक जज की कमिटी ने जांच की। उसके बाद नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में एक कमिटी बनाई गई। इसके बाद सीबीआई जांच की सिफारिश भी हुई। इस मामले में कई इंजिनियरों पर कार्रवाई हो चुकी है। 

सीएम ने एक बैठक में फिजूलखर्ची में कटौती करते हुए इस परियोजना को पूरा करने के निर्देश दिए थे। इसका पूरा ब्योरा सिंचाई विभाग से मांगा गया था। उसी आधार पर 350 करोड़ रुपये का नया प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके अलावा पर्यावरण विभाग की एनओसी भी ली जाएगी। प्रमुख सचिव सिंचाई ने बताया कि प्रस्ताव में अधूरे कार्यों का लेखा-जोखा और अनुमानित खर्च की जानकारी दी गई है। इसे जल्द कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। पहले अंबेडकर बंधे से कुड़ियाघाट तक गोमती के किनारे को रिवर फ्रंट परियोजना के तहत विकसित करने की योजना था। नई सरकार में कला कोठी तक काम किया जाएगा। इस पर भी सरकार पहले ही रजामंदी दे चुकी है। कलाकोठी को बीजेपी सरकार के समय में बनवाया गया था, लेकिन रखरखाव ठीक न होने की वजह से यह बदहाल है। 

ये काम हैं अधूरे :

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– म्यूजिकल फव्वारा : दुबई की टक्कर के फव्वारे लगने हैं। 

– लेक : म्यूजिकल फाउंटेन के लिए गोमती किनारे झील का काम भी अधूरा है। 

– रबर डैम : 160 करोड़ रुपये का रबर डैम बनाकर गोमती का जलस्तर बढ़ाया जाना है। 

– ट्रैक : कई जगह जॉगिंग, साइकलिंग, वॉकिंग ट्रैक अभी नहीं बने हैं। 

– जल परिवहन : इसके लिए वॉटर बस खरीदी जा चुकी हैं, जो धूल खा रही है। लोटस वैली, बच्चों के लिए पार्क, जिम आदि सुविधाएं भी अधूरी हैं। 

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