प्रदूषण से बचना है तो जलाएं ‘ग्रीन पटाखे’

0 22

नई दिल्ली–दिवाली पर पटाखों की बिक्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दिवाली पर पटाखे जलाने पर रोक नहीं है। लेकिन पटाखे रात 8 से 10 बजे के बीच सिर्फ 2 घंटे के लिए ही जलाए जा सकेंगे। साथ ही दिवाली या अन्य किसी त्योहार पर सिर्फ ग्रीन पटाखे यानी कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर ये ग्रीन पटाखे हैं क्या और ऐसे कौन से पटाखे हैं जिन्हें जलाने से प्रदूषण कम होगा? ग्रीन पटाखा का मतलब जो पटाखें कम प्रदूषण एवं कम आवाज़ करें। और हाँ, इसका ग्रीन रंग से कोई लेना देना नहीं।

Related News
1 of 1,041

ग्रीन पटाखा पहले से नहीं था। इस की बात पहली बार पिछले साल पटाखे प्रतिबंध से शुरू हुई। विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन जी ने CSIR, एक संस्था जो वैज्ञानिक रिसर्च करता है, उनसे ग्रीन पटाखे बनाने का अनुरोध किया था। इसका परिणाम यह हुआ कि CSIR और NEERI दोनों ने मिलकर ग्रीन पटाखे यानि कम प्रदूषण करने वाले पटाखे बनाए।

ग्रीन पटाखा में ऐसा क्या है, जिससे प्रदूषण कम होता हैं?

सामान्य पटाखों में परक्लोरेट्स,नाइट्राइट्स और क्लोरीन काफी मात्रा में होता हैं। इसके अलावा खतरनाक बेरियम भी कई पटाखों में मिलता हैं। परक्लोरेट्स और  बेरियम हमारे फेफड़ों के लिए बहुत हानिकारक है। CSIR वाले ग्रीन पटाखों में nitrogen based nitrocellulose हैं, जो कम प्रदूषण करेगा। 

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...