Holi स्पेशल: यूपी के इस गांव में धधकते अंगारों के बीच निकलते हैं पंडा

इस बार 25 वर्षीय पंडा मोनू धधकते अंगारों से निकलेगा

मथुरा: उत्तर प्रदेश में कान्हा नगरी मथुरा से मथुरा से लगभग 55 और कोसी से करीब10 किमी दूर स्थित फालैन गांव की होली भगवान विष्णु के प्रति प्रहलाद की अटूट भक्ति का हर साल गवाह बनती है जब धधकती होलिका (Holi) के बीच पंडा निकलता है। इस गांव की होली (Holi) ब्रज की होलियों में निराली इसलिए होती है कि यहां पर धधकती होली के बीच से पंडा निकलता है लेकिन भगवत भक्ति के कारण उस पर आग का कोई असर नही पड़ता है।

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धधकते अंगारों से निकलेगा 25 वर्षीय पंडा

वहीं गोपाल जी महाराज मंदिर के महन्त ने बताया कि इस बार यहां की होली पर पिछले वर्ष यहां की होली (Holi) से बाबूलाल पंडा निकला था।लेकिन इस बार 25 वर्षीय मोनू पंडा नौ मार्च की रात धधकते अंगारों से निकलेगा। फिलहाल मोनू पंडा गांव के प्रहलाद मंदिर में भजन पूजन कर रहा है।

महन्त बालकदास ने बताया कि इस गांव की होली बनाने का महूर्त माघ पूर्णिमा को निर्धारित किया जाता है। इस होली को होलिका दहन के चंद दिन पूर्व से बढ़ाया जाता है तथा इसका व्यास तीस फुट तथा ऊंचाई लगभग 15 फुट तक हो जाती है।

एक माह पहले ही प्रहलाद शरण आता पंडा

पिछले वर्ष होलिक के धधकते अंगारों से निकलने वाले 50 वर्षीय बाबूलाल पंडे ने बताया कि होली के एक माह पहले से ही मंदिर में प्रहलाद जी की शरण में यहां का पंडा आ जाता है। उसका कहना था कि होली से निकलने का महूर्त स्वयं प्रहलाद जी निकालते हैं तथा वही प्रेरणा देते हैं और कहते हैं कि हवन कुंड के पास जलते दीपक की लौ की ऊष्णता से महूर्त का अंदाजा लगाओ।होली जलने के कुछ समय पहले जब इस दीपक पर पंडा हाथ रखता है तो उसे न केवल दीपक की लौ बर्फ की तरह शीतल लगने लगती है बल्कि उसे भी जबर्दस्त ठंडक महसूस होने लगती है।

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फिलहाल मोनू पंडा भी वर्तमान में प्रहलाद मंदिर में तप कर रहा है। वह पिछले एक पखवारे से केवल दूध और फल पर ही का सेवन कर रहा है तथा अन्न ग्रहण नही किया है।

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