Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ माह का दूसरा बड़ा मंगल आज, जगह-जगह भंड़ारे का आयोजन
Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ माह का आज दूसरा बड़ा मंगल है। यह दिन प्रभु श्रीराम के अनन भक्त भगवान हनुमान की पूजा-पाठ के लिए समर्पित है। दूसरे बड़े मंगल पर हनुमान मंदिरों में ब्रह्म मुहूर्त से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई है। हर कोई बजरंगबली के दर्शन का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। हनुमान मंदिर ‘जय श्री राम’ और ‘जय-जय हनुमान’ के जयकारों से गूंज रहे हैं। श्रद्धालुओं में तुलसी की माला, फूल, सिंदूर और लड्डू चढ़ाने की होड़ मची रही। श्रद्धालु मंदिर के अंदर और बाहर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करते नजर आए।
Bada Mangal 2025: लखनऊ में जगह-जगह भंड़ारे का आयोजन
राजधानी लखनऊ में दूसरा बड़ा मंगल बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर सुबह से ही जगह-जगह पर भंडारे का आयोजन किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि ‘बड़ा मंगल’ केवल हिंदू भक्तों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी धर्मों की धार्मिक सद्भावना और एकता का भी प्रतीक है। बड़े मंगल को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। मंदिरों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
Bada Mangal 2025: भगवान हनुमान को समर्पित है बड़ा मंगल
बता दें कि ज्येष्ठ महीने के सभी मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है। यह दिन भगवान हनुमान को समर्पित है और भक्त इस दिन विशेष पूजा, व्रत और भक्ति करते हैं। खासकर उत्तर भारत में इस दिन को बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार ज्येष्ठ में पांच मंगलवार होंगे। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से बजरंगबली की पूजा करता है और इस दिन व्रत रखता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
बड़े मंगलवार को सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना विशेष लाभकारी होता है। सुंदरकांड के पाठ से घर में सुख-शांति और खुशहाली का माहौल बनता है। वहीं बजरंग बाण का पाठ करने से बुरी नजर, तांत्रिक बाधाएं और भय दूर होता है। यह उपाय उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो लगातार संघर्ष कर रहे हैं और बाधाओं का सामना कर रहे हैं।
Bada Mangal 2025: बड़े मंगल का महत्व
ज्येष्ठ मास के सभी मंगलवार बहुत शक्तिशाली माने जाते हैं। अगर आप इस बड़े मंगल पर व्रत रखते हैं और सच्चे मन से हनुमानजी की पूजा करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और आपको दैवीय कृपा भी प्राप्त होती है। साथ ही अगर कुंडली में मंगल दोष है तो हनुमानजी की पूजा करने से वह दूर हो जाता है और आपको मंगल का अनुकूल प्रभाव भी मिलता है। मंगल के अलावा शनि से संबंधित सभी दोष दूर हो जाते हैं। मान्यता है कि अगर शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से पीड़ित व्यक्ति बड़े मंगल पर व्रत रखता है और हनुमानजी का ध्यान करता है तो अशुभ प्रभाव कम हो जाता है और जीवन में सुख-शांति वापस आ जाती है।
Bada Mangal मंगल का इतिहास
ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, बड़ा मंगल की शुरुआत करीब 400 साल पहले अवध के नवाब ने की थी। दरअसल, नवाब मोहम्मद अली शाह का बेटा एक बार गंभीर रूप से बीमार पड़ गया। उनकी बेगम रूबिया ने उसका कई जगह इलाज कराया, लेकिन वह ठीक नहीं हो सका। किसी की सलाह पर वह अपने बेटे की सलामती की दुआ मांगने अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर आईं। नवाब का बेटा पूरी तरह स्वस्थ हो गया और इससे अभिभूत होकर नवाब की बेगम रूबिया ने मंदिर की मरम्मत करवाई। साथ ही, नवाब ने ज्येष्ठ की तपती गर्मी में हर मंगलवार को पूरे शहर में जगह-जगह गुड़ और पानी बंटवाया। तब से यह परंपरा आज तक चली आ रही है।
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