न्याय के लिए अधिकारियों के पैर पर गिरने को मजबूर हुई महिला

दबंगो के खिलाफ कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के दावे उस समय खोखले साबित होते दिखे जब बलिया में एक पीड़ित महिला अपनी दो बेटियों के साथ कमिश्नर कनक त्रिपाठी और डीएम के पैरों पर गिर पड़ी पर सबसे चौकाने वाला दृश्य तो ये रहा कि कमिश्नर और डीएम ने पीड़िता की एक न सुनी जब कि डीएम ने कहा की रोने से कुछ नही होता और पीड़िता को न्याय दिलाने की बात कही।

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भूमाफियाओं पर कार्रवाई कब…

ये योगी राज का कैसा राम राज जहा भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के बड़े-बड़े दावे किए जाते है पर आम आदमी का दर्द ऐसा की दबंगो के दबंगई से बचने के लिए एक पीड़ित महिला को कमिश्नर और डीएम के पैरों पर गिरने को मजबूर होना पड़ता है।

ये है पूरा मामला…

ये वाक्या है बलिया जनपद के सरकारी गेस्ट हाउस का जहा अधिकारियों को सरकार के मंशा के अनुरूप कार्य करने का आदेश दिया जा रहा था पर बैठक के बाद जैसे ही कमिश्नर बाहर निकली, जमीनी विवाद से पीड़ित एक महिला अपनी दो बेटियों के साथ न्याय की गुहार लगाते हुए कमिश्नर और डीएम के पैरों पर गिर पड़ी। इस दौरान अधिकारियों की संवेदनहीनता भी साफ नजर आयी जब कमिश्नर ने पीड़िता की एक न सुनी और अपनी गाड़ी में बैठ कर रवाना हो गयी।

6 महीने से थाने के चक्कर लगा रही महिला…

दरअसल पीड़ित महिला बलिया जनपद के अभाव थाने की रहने वाली है जहाँ कुछ महीने पहले दबंगो ने उसकी एक जमीन पर कब्जा कर लिया वही दूसरी जमीन पर भी कब्जा करने का प्रयास कर रहे है।

पीड़ित महिला पिछले 6 महीने से जिले के आलाधिकारियों और थाने का चक्कर लगा रही है पर सुनवाई कही नही है वही जिलाधिकारी बलिया का कहना है कि पीड़िता से प्रार्थना पत्र ले लिया गया और एसडीम को मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दे दिया गया है।

(रिपोर्टर- मनोज चतुर्वेदी, बलिया)

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