बहराइचः घाघरा के साथ अब भादा नदी भी उफनाई, 92 गांव बाढ़ की चपेट में

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बहराइच — घाघरा के साथ ही मिहींपुरवा क्षेत्र में भादा नदी भी मंगलवार दोपहर में उफना गई। जिससे मिहींपुरवा क्षेत्र के छह गांव जलमग्न हो गए हैं। नौबना-नकौहा मार्ग पर तेज पानी चल रहा है। फसलें पूरी तरह डूब गई हैं।

ग्रामीणों में अफरा-तफरी है। अब तक राहत बचाव के उपाय नहीं हो सके हैं। उधर घाघरा के उफान से पहले से ही 92 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। कटान भी हो रही है। इससे महसी और कैसरगंज क्षेत्र में भी हड़कंप मचा हुआ है।

तराई में नदियां लोगों के मुसीबत का सबब बनी हुई हैं। घाघरा नदी का जलस्तर मंगलवार दोपहर दो बजे एल्गिन ब्रिज पर 106.870 मीटर मापा गया। यह जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर अधिक है। उफनाई घाघरा से महसी, कैसरगंज, नानपारा व मिहींपुरवा आंशिक तहसील क्षेत्र में 92 गांव सप्ताह भर से बाढ़ की चपेट में हैं। अभी यह समस्या खत्म नहीं हुई थी। तभी मंगलवार दोपहर में नेपाल से भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रवेश करने वाली भादा नदी अचानक उफना गई। लोग अपने घरों और खेतों में थे। 

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तभी नदी का पानी फैलने लगा। धर्मापुर बैराज से अचानक पानी छोड़े जाने के चलते मोतीपुर तहसील के नईबस्ती, बोझिया आंशिक, नकौहा, नौबना समेत छह गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। फसलें डूब गई हैं। लोगों के घरों में पानी घुस गया है। अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है। नौबना-नकौहा मार्ग पर लगभग दो फीट पानी चल रहा है। जिससे आवागमन भी प्रभावित है। सूचना के बावजूद अब तक राहत व बचाव के कोई उपाय नहीं किए गए हैं।

पानी न निकला तो बर्बाद हो जाएगी फसल

मिहींपुरवा के नौबना, नकौहा, बोझिया समेत आसपास के गांव में ग्रामीण परंपरागत खेती से हटकर सब्जी की खेती अधिक करते हैं। ऐसे में खेतों के जलमग्न होने से सब्जी की फसल चौपट होने के आसार बढ़ गए हैं। अगर दो दिन तक पानी इसी तरह भरा रहा तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी।

(रिपोर्ट-अनुराग पाठक,बहराइच)

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