BLO की मौतों पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई गंभीर चिंता, राज्यों को दिए बड़े निर्देश

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Supreme Court Blo Death: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) की मौतों पर गहरी चिंता जताई। हालांकि हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने तनाव और काम के बोझ के कारण BLO की हाल की मौतों और कथित आत्महत्याओं के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराने से इनकार कर दिया। इसने राज्य सरकारों को पर्याप्त स्टाफिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने BLO की हाल में तनाव और काम के दबाव के लिए से संबंधित मौतों और कथित आत्महत्याओं के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराने से इनकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि BLO के बढ़ते काम के बोझ को कम करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है और तुरंत अतिरिक्त स्टाफ तैनात किया जाना चाहिए।

Blo Death: कोर्ट ने TVK की याचिका पर की सुनवाई

दरअसल सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी TVK की एक याचिका पर आई, जब कोर्ट को बताया गया कि बहुत ज़्यादा काम के बोझ के कारण देश भर में 35-40 BLO की मौत हो गई है। याचिकाकर्ता ने पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजो की भी मांग की है। जिस पर सुनाई करते हुए चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि SIR प्रक्रिया एक वैध प्रशासनिक कार्रवाई है, और इसे समय पर पूरा किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “अगर स्टाफ की कमी है, तो अतिरिक्त स्टाफ नियुक्त करना राज्य की जिम्मेदारी है।” कोर्ट ने यह भी साफ किया कि राज्य सरकारों को उन अधिकारियों की स्थिति के प्रति संवेदनशील होना चाहिए जो बीमार हैं, अक्षम हैं, या बहुत ज़्यादा दबाव में काम कर रहे हैं और तुरंत रिप्लेसमेंट स्टाफ तैनात करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को BLO के काम के घंटे कम करने के लिए और स्टाफ रखने का निर्देश दिया है।

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Supreme Court Blo Death: राज्य सरकारों को दिए सख्त निर्देश

कोर्ट ने कहा जहां अभी 10,000 स्टाफ काम कर रहे हैं, वहां 20,000 से 30,000 लोगों को तैनात किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि यदि किसी अधिकारी के पास ड्यूटी से छूठ मांगने की पर्याप्त वजह है, तो इससे संबंधित अधिकारी विचार कर सकते हैं। साथ ही यदि कोई बीमार या फिर अन्य गंभीर समस्या है तो उसे छुट्टी प्रदान करनी चाहिए। छूट मिलने पर, तुरंत उसकी जगह किसी और को नियुक्त किया जाना चाहिए। CJI ने कहा, “यह बहुत गंभीर मामला है। जिस भी राज्य में ऐसा हो रहा है, वहां एडमिनिस्ट्रेशन को तुरंत एक्शन लेना चाहिए।”

गौरतलब है कि तमिलनाडु की पॉलिटिकल पार्टी TVK ने SIR प्रोसेस पर रोक लगाने या उसमें बदलाव की मांग करते हुए कहा कि BLO पर इतना बोझ पड़ रहा है कि कई लोग स्ट्रेस में आ रहे हैं। पिटीशन में कोर्ट से BLO के परिवारों को मुआवजा देने की भी रिक्वेस्ट की गई है।

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