केंद्रीय गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग में उत्तर प्रदेश काडर के चर्चित आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के साथ दो अन्य को भी सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाते हुए उन्हें जबरन अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है।
उत्तर प्रदेश काडर के तीन आइपीएस अफसर गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग में बाहर हो गए और अब इनको अनिवार्य सेवनिवृत्ति दी गई है। बता दें कि अमिताभ ठाकुर के साथ राजेश कृष्ण और राकेश शंकर को भी जबरन रिटायर कर दिया गया है।
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तीन अफसरो पर ये है आरोप…
दरअसल आईजी रूल्स एवं मैनुअल के पद पर कार्यरत अमिताभ ठाकुर के खिलाफ तमाम मामलों में जांच चल रही थी। सेनानायक पीएसी 10 बटालियन बाराबंकी के पद पर तैनात राजेश कृष्ण के खिलाफ आजमगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप है। जबकि डीआईजी स्थापना राकेश शंकर पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे।
1992 बैच के अधिकारी है अमिताभ ठाकुर…
गौलतलब है कि उत्तर प्रदेश काडर के 1992 बैच के आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने के साथ ही उनके खिलाफ लखनऊ में केस भी दर्ज करावाया था। इसके बाद अखिलेश यादव सरकार ने उनके खिलाफ भी केस दर्ज कराया। उनके खिलाफ पांच पांचवीं विभागीय कार्रवाई भी हुई थी।
वहीं जबरन रिटायर किए गए अमिताभ ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि मुझे अभी-अभी वीआरएस (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ। सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिये। जय हिन्द।
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