फटेहाल ज़िंदगी गुजारने को मजबूर एक द्रोणाचार्य, किसी ने नहीं ली इनकीं सुध

फुटबाल खिलाड़ियों को ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले वयोवृद्ध फुटबाल कोच मो. इदरीश बाबा बीमार हैं। आर्थिक मोर्चे पर कमजोर पड़ने के कारण वह स्वयं असहाय हो गए हैं। इस असहाय द्रोणाचार्य की अब तक किसी ने सुध नहीं ली है।

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जरूरी बाजार निवासी 78 साल के बाबा 50 साल से कई फुटबॉल खिलाड़ियों को तराशते रहे, लेकिन दो साल से उन्हें बीमारी ने जकड़ लिया। अब वह असहाय हैं। जमा पूंजी सब फुटबाल पर लगा दी। पहले से एकाकी जीवन जी रहे बाबा की तबियत खराब है और उनका कोई सुधलेवा नहीं है।

12 से अधिक खिलाड़ी फुटबॉल की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तक पहुंचे-

मालूम हो कि बाबा के प्रयासों से ही क्षेत्र के 12 से अधिक खिलाड़ी फुटबॉल की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तक पहुंचे हैं। कई लोग सेना समेत अन्य विभागों में अच्छे पदों पर कार्यरत हैं। इसके बावजूद संकट काल में बाबा को किसी की मदद नहीं मिल सकी।

इन खिलाड़ियों को पहुंचा चुके नेशनल स्तर तक-

पुष्कर अधिकारी (यूनिवर्सिटी और नेशनल), प्रताप सिंह बिष्ट (नेशनल), दिनेश भैसोड़ा (नॉर्थ जोन), अब्दुल रिजवान (नेशनल), विशन सिंह बिष्ट (नेशनल), दीवान राणा (स्टेट), मान सिंह परमार (नेशनल), नरेंद्र पुरी (कमांड स्तर), मनोज भट्ट (नेशनल), नजीर खान (स्टेट), कुंदन सिंह (नेशनल), जतिन जुयाल (नेशनल), अमन कन्नोजिया (तीन बार नेशनल), पंकज अधिकारी (संतोष ट्रॉफी), त्रिभुवन असवाल (नेशनल), परमेश्वर कांडपाल (संतोष ट्राफी), राहुल वर्मा-दो बार नेशनल खेल चुके हैं।

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