Russia Plane Crash: रूसी यात्री विमान चीन सीमा के पास क्रैश, सभी 49 यात्रियों की मौत

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Russia Plane Crash: रूस में गुरुवार को यात्री विमान An-24 चीन की सीमा पर क्रैश हो गया है।इस हादसे में प्लेन में सवार 49 लोगों की मौत हो गई है। जिसमें 5 बच्चों समेत 43 यात्री और 6 क्रू मेंबर सवार थे। ये विमान रूस के पूर्वी अमूर क्षेत्र में उड़ रहा था। बचावकर्मियों को टिंडा से लगभग 16 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर रूसी यात्री विमान का मलबा मिला है। इस दुर्घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें प्लेन क्रैश होने के बाद का भयावह मंजर दिखाई दे रहा है।

Russia Plane Crash: अचानक गायब हो गया था प्लेन

रूस के हवाई यातायात नियंत्रण विभाग ने बताया कि यह विमान अमूर क्षेत्र के टिंडा शहर की ओर जा रहा था जब यह रडार से लापता हो गया। यह क्षेत्र चीन की सीमा से लगा हुआ है। बाद में विमान का मलबा अमूर क्षेत्र में मिला। स्थानीय आपातकालीन मंत्रालय ने कहा कि विमान साइबेरिया स्थित अंगारा एयरलाइंस का था। रूस के सरकारी टेलीविजन समाचार चैनल, RT द्वारा साझा की गई 8 सेकंड की क्लिप में साइबेरिया स्थित अंगारा नामक एयरलाइन द्वारा संचालित इस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद का खौफनाक मंजर दिखाई दे रहा है।

रूसी यात्री विमान दुर्घटना में कोई भी जीवित नहीं बचा, जिसमें 49 लोगों की दुखद मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कम दृश्यता के बीच लैंडिंग के दौरान विमान के चालक दल की एक गलती दुर्घटना के संभावित कारणों में से एक हो सकती है। मिली जानकारी के मुताबिक विमान टिंडा हवाई अड्डे पर उतरने के अपने पहले प्रयास में विफल रहा। जब उसने दूसरी बार उतरने की कोशिश की, तो वह रडार से गायब हो गया। दरअसल टिंडा शहर रूस राजधानी मॉस्को से करीब 6,600 किमी दूर पूर्व में स्थित है।

Russia Plane Crash: 63 साल पुराना था क्रैश हुआ विमान

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बता दें कि सोवियत संघ ने 1967 में छोटे क्षेत्रों में उड़ान भरने के लिए An-24 विमान बनाया था। उस समय इसमें 32 सीटें थीं, जो 450 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 400 किलोमीटर तक उड़ान भर सकती थी। इसके अलावा, यह 4 टन तक का भार (पेलोड) ले जा सकता था। इसे ऐसे रनवे से भी उड़ान भरने में सक्षम बनाया गया था जो केवल 1200 मीटर लंबे और बिना पक्के थे।

इतना ही नहीं, अगर विमान का एक इंजन भी खराब हो जाए, तो भी यह उड़ान भर सकता है। अप्रैल 1962 में इसका परीक्षण सफल रहा, जिसके बाद अक्टूबर 1962 से यह विमान यात्रियों को ले जाने लगा। कुल 1367 An-24 विमान बनाए गए। सोवियत संघ में इस विमान का उत्पादन 1979 तक जारी रहा, लेकिन इसके बाद भी ये विमान सेवा में बने रहे। आज भी कुछ जगहों पर An-24 का इस्तेमाल किया जा रहा है।


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