Nag Panchami 2025: 28 या 29 जुलाई किस तारीख को मनाई जाएगी नाग पंचमी ? कंफ्यूजन करें दूर

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Nag Panchami 2025: हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने का परंपरा है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पंचमी तिथि को ही नाग पंचमी कहते है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से पूजा करने पर नाग देवता प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। नाग पंचमी के दिन दूध, फूल और चंदन चढ़ाकर नागों (सांपों ) की पूजा की जाती हैं। नाग पंचमी का पर्व हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। हालांकि पंचमी तिथि को लेकर लोगों में काफी कंफ्यूजन है।

Nag Panchami 2025: नाग पंचमी की सही तिथि

हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल सावन माह की पंचमी तिथि 28 जुलाई 2025 को दोपहर 12:40 बजे से शुरू होकर 29 जुलाई को दोपहर 3:15 बजे तक रहेगी। चूंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूजा दिन में ही करनी चाहिए, इसलिए ज़्यादातर जगहों पर नाग पंचमी 29 जुलाई को ही मनाई जाएगी।

Nag Panchami Puja Vidhi: इस तरह करें नाग देवता की पूजा

नाग पंचमी के दिन सुबह स्नान करके घर के मुख्य द्वार, पूजा स्थल या दीवार पर नाग का चित्र बनाएं या मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद दूध,चावल, हल्दी, कुशा, फूल और दूर्वा से नाग देवता की पूजा करें। कच्चे दूध से नागों का अभिषेक करें। साथ ही “ॐ नमः नागाय” मंत्र का जाप करें। फिर नाग पंचमी की कथा सुने और व्रत रखे।

नाग पंचमी पर न करें ये काम

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नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा का विधान है, लेकिन ध्यान रखें कि इस दिन जीवित नाग की पूजा न करें। मंदिर जाकर नाग देवता को दूध चढ़ाएं, फल-फूल आदि भी चढ़ाएं। हो सके तो इस दिन व्रत रखें। ज़रूरतमंदों को भोजन, वस्त्र आदि दान करें। इससे आपको नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त होगा। हालांकि इस दिन जमीन खोदना, पेड़-पौधे काटना और नागों को नुकसान पहुंचाना वर्जित है।

Nag Panchami: नाग पंचमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है

नाग पंचमी न केवल नागों की पूजा का त्यौहार है, बल्कि यह प्रकृति के साथ सामंजस्य और सह-अस्तित्व का भी प्रतीक है। विशेषकर ग्रामीण और कृषि प्रधान समाज में इसे विशेष श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि नाग देवता न केवल पृथ्वी की रक्षा करते हैं, बल्कि उनका वर्षा और भूमि की उर्वरता से भी गहरा संबंध है। यह पर्व हमें पर्यावरण के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता का संदेश देता है।


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