Bangladesh Fighter Jet Crash: बांग्लादेश में सेना का फाइटर प्लेन क्रैश, 25 बच्चों समेत अब तक 27 की मौत
Bangladesh Fighter Jet Crash: राजधानी ढाका में बांग्लादेश वायु सेना का प्रशिक्षण लड़ाकू विमान सोमवार को एक स्कूल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है। इनमें 25 बच्चे शामिल हैं। जबकि 78 घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इनमें से पांच की हालत गंभीर है। फिलहाल वायु सेना अपने स्तर पर इस विमान हादसे की जांच कर रही है।
Bangladesh Fighter Jet Crash: कैसे हुआ हादसा
बता दें कि यह विमान दोपहर के समय ढाका के उत्तर क्षेत्र में ‘माइलस्टोन स्कूल एवं कॉलेज’ परिसर में हादसे का शिकार हुआ। मृतकों में 25 बच्चे दो पायलट और शिक्षक शामिल हैं। जबकि 78 लो घायल हुए है। जिनमें से पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है। अब तक 20 शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। बताया जा है रहा है कि चीन निर्मित यह प्रशिक्षण लड़ाकू विमान F-7 BGI में उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद तकनीकी खराबी के कारण क्रैश हो गया।
F7 विमान का रूसी MiG-21 कनेक्शन
दरअसल यह दुर्घटनाग्रस्त विमान चीनी मूल का F7 जेट है। F-7 लड़ाकू विमान को ‘ग्रैंडपा फाइटर जेट’ (Grandpa Fighter Jet) भी कहा जाता है। इसे चीन ने 1960 में रूस (तब सोवियत संघ) के सहयोग से बनाया था। इस जेट का इस्तेमाल मुख्य रूप से लड़ाकू पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है। इस विमान ने पहले भी कई बांग्लादेशी पायलटों की जान ले चुका है। दावा किया गया है कि ज़्यादातर दुर्घटनाओं का कारण विमान में तकनीकी खामियां बताई जाती हैं।
बांग्लादेशी वायु सेना का F7 विमान चीन द्वारा बनाया गया है। चीन का F-7 लड़ाकू विमान, J-7 लड़ाकू विमान का उन्नत संस्करण है और J-7 को चीन ने रूस के मिग-21 की तर्ज पर बनाया था। 1961 में चीन के माओ ने सोवियत संघ के निकिता के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें चीन में मिग-21 बनाने का प्रस्ताव शामिल था। हालांकि, बाद में किन्हीं कारणों से रूस ने यह समझौता तोड़ दिया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। रूसी मिग-21 और उसके गुप्त दस्तावेज़ चीन के हाथ लग चुके थे। रूस ने चीन पर मिग-21 के बारे में जानकारी होने का आरोप लगाया, लेकिन चीन ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया कि दस्तावेज़ों में तकनीकी जानकारी थी।
Bangladesh Plane Crash: कई देशों को हुआ F7 का निर्यात
चीन ने 1964 में उन्हीं दस्तावेज़ों और मिग-21 की मदद से J-7 विमान तैयार किया था। यह विमान बिल्कुल मिग-21 जैसा दिखता था। हालांकि, चीनी इंजीनियरों ने इसमें कुछ बदलाव किए थे, ताकि यह मिग-21 की हूबहू नकल न लगे। कुछ ही समय में मिग-21 को टक्कर देने वाले जे-7 लड़ाकू विमान चीनी सेना की शान बन गए और दुनिया के कई देशों में उनकी मांग बढ़ने लगी। चीन ने कई देशों को F7 विमानों का निर्यात किया है। इनमें बांग्लादेश के अलावा पाकिस्तान, नामीबिया, सूडान, मिस्र, जिम्बाब्वे, ईरान, म्यांमार, उत्तर कोरिया, तंजानिया और यमन शामिल हैं।
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