Ayodhya Dhwajarohan: सदियों का संकल्प आज हुआ पूरा…राममय हुई पूरी दुनिया, ध्वजारोहण कर बोले PM मोदी
Ayodhya Ram Mandir Dhwajarohan 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने जन्मभूमि पर बने भव्य और दिव्य राम मंदिर के गगनचुंबी शिखर पर मंगलवार को धर्मध्वजा फहराया। जब 161 फुट ऊंचे शिखर पर दो किलो वजनी केसरिया ध्वजा लहराया, तो ऐसा लगा जैसे रामलला के मंदिर की पूर्णता होने का दिव्य उद्घोष हो गया। उस पवित्र पल में पीएम मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्या नाथ, संत समाज और वहां मौजूद सभी भक्तों की आंखें श्रद्धा और भावनाओं से भर उठी। उस वक्त ऐसा लगा मानो सदियों से चली आ रही ‘प्रतिष्ठा-साधना’ का सिलसिला आखिरकार खत्म हो गया हो। ध्वजारोहण के बाद PM मोदी ने राम भक्तों को संबोधित किया।
Ram Mandir Dhwajarohan 2025: राममय हुई पूरी दुनिया- PM मोदी
राम भक्तों को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज पूरा भारत, पूरी दुनिया राममय हो गई है। हर राम भक्त के दिल में अद्वितीय संतोष, असीम कृतज्ञता और अपार अलौकिक आनंद है। सदियों के घाव भर रहे हैं। सदियों के दर्द को आज सुकून मिल रहा है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है। आज उस यज्ञ की समाप्ति है, जिसकी अग्नि 500 सालों तक जलती रही। एक ऐसा यज्ञ जो आस्था में कभी डगमगाया नहीं, एक पल के लिए भी विश्वास में कभी टूटा नहीं।”
उन्होंने कहा, “यह धर्म ध्वज सिर्फ़ एक ध्वजा नहीं है, बल्कि भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है। इसका केसरिया रंग, सूर्यवंश की ख्याति, ॐ अक्षर और खुदा हुआ कोविदार वृक्ष रामराज्य के काम को दिखाता है। यह ध्वज दृढ़ निश्चय, सफलता, संघर्ष से सृजन और सदियों के सपनों का प्रतीक है। यह संतों की तपस्या और समाज की भागीदारी का सार्थक परिणाम है। यह आने वाली सदियों तक भगवान श्री राम के आदर्शों और सिद्धांतों का प्रचार करेगा।”
पीएम बोले-सत्यमेव जयते का आह्वान करेगा ध्वज
PM मोदी ने कहा, “यह ध्वज सत्यमेव जयते का आह्वान करेगा। यह धर्म ध्वज यह घोषणा करेगा कि धर्म सत्य पर आधारित है। यह इस कहावत को प्रेरित करेगा, ‘प्राण जय पर वचन नहीं जय।’ यह संदेश देगा कि दुनिया में कर्म और कर्तव्य की जीत होनी चाहिए। यह भेदभाव, दर्द और पीड़ा से मुक्ति और समाज में शांति और खुशी के लिए प्रार्थना करेगा। आइए हम ऐसा समाज बनाएं जहां कोई गरीबी न हो और कोई दुखी न हो… उन्होंने कहा, “जो लोग किसी कारण से मंदिर नहीं जा पाते हैं और दूर से झंडे को सलाम करते हैं, उन्हें भी वही पुण्य मिलता है। यह झंडा दूर से रामलला के जन्मस्थान के दर्शन करने की अनुमति देगा। मैं इस अवसर पर दुनिया भर के लाखों राम भक्तों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं मंदिर के निर्माण में योगदान देने वाले सभी भक्तों और दानवीरों का भी आभार व्यक्त करता हूं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “अयोध्या वह भूमि है जहां आदर्श आचरण में बदल जाते हैं। यह वह शहर है जहां से श्री राम ने अपना जीवन शुरू किया। इस अयोध्या ने दुनिया को दिखाया कि कैसे एक व्यक्ति समाज और उसके मूल्यों की शक्ति के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बनता है। जब राम ने अयोध्या छोड़ी, तो वह राजकुमार राम थे, लेकिन जब वे लौटे, तो वे मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में आए। अनगिनत लोगों ने इसमें भूमिका निभाई। एक विकसित भारत बनाने में सामूहिक स्तर की भूमिका होती है।”
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