राम मंदिर के लिए तमिलनाडु से पहुंचा अनोखा घंटा, निकलेगी ये विशेष ध्वनि

10 किमी तक सुनाई देगी आवाज

राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के अस्थाई मंदिर के लिए एक अनोखा घंटा बुधवार को भेंट किया । बताया गया कि इसकी आवाज 10 किलोमीटर तक सुनाई देगी। इस घंटे के एक बार बजने पर ओम की आवाज निकलेगी।

यह भी पढ़ें-योगी सरकार ने फिर किया IPS अफसरों का तबादला, देखें लिस्ट..

तमिलनाडु रामेश्वरम से 613 किलो वजन का कांस्य से बना यह विशेष घंटा राम रथ यात्रा से 4500 किलोमीटर की यात्रा करके मंगलवार को अयोध्या पहुंचा है। भगवान श्रीराम को यह विशेष घंटा तमिलनाडु की लीगल राइट काउंसिल की ओर से बुधवार को भेंट किया जाएगा।

वर्ल्ड रेकॉर्ड बना चुकी बुलेट रानी के नाम से प्रसिद्ध राजलक्ष्मी माडा रामरथ चला कर घंटे को लकर अयोध्या पहुंची हैं। तमिलनाडु की रहने वाली राजलक्ष्मी मांडा विश्व में दूसरी महिला हैं जिन्होंने 9.5 टन वजन खींचने का वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया है। रामराम रथ में जहां एक ओर कांस्य से बना 613 किलो वजनी विशेष घंटा रखा गया है, वहीं भगवान श्रीराम, मां सीता, लक्ष्मण, हनुमान जी के साथ गणपति की कांस्य से बनी प्रतिमाएं रख कर लाई गई हैं।

 राम मंदिर ट्रस्ट को किया भेंट-

इसे बुधवार सुबह रामलला को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय में भेंट किया । राम रथ यात्रा 17 सितंबर से चलकर 7 अक्टूबर को दिन में अयोध्या पहुंची। यह तमिलनाडु से अयोध्या के बीच में 10 राज्यों से होकर गुजरी। राज लक्ष्मी के मुताबिक जगह-जगह इस घंटा और भगवान श्री राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान और गणेश की मूर्ति का पूजन किया गया। राम रथ यात्रा में कुल 18 लोग तमिलनाडु से अयोध्या पहुंचे हैं।

4 फीट ऊंचा है घंटा-

विशेष आकार के घंटे का वजन 613 किलो है। यह विशेष कांस्य से बना हुआ है। इसकी चौड़ाई 3.9 फीट है और इसकी हाइट 4 फीट है। राजलक्ष्मी मांडा का कहना है कि भगवान श्रीराम के रथ को वे तमिलनाडु से अयोध्या तक खुद ड्राइव करके आई हैं। उनको बहुत खुशी है कि बुधवार को वह रामलला के दरबार में इस विशेष घंटा और मूर्तियों को भेंट करेंगी। उनका कहना है कि उनका जीवन धन्य हो गया है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। )

ये भी पढ़ें..सपना चौधरी ने दिया बेटे को जन्म, सवाल उठाने वालों पर भड़के पति

bellrameshwaramranrathsoundtamilnadutempleuniqueकांस्यरामरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट
Comments (0)
Add Comment