सदन न चलने पर टूटा आडवाणी के सब्र का बाँध, अपनी ही सरकार पर हुए आगबबूला

नई दिल्ली–संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित होने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी एक बार फिर नाराज हुए।  इस बार उनका गुस्सा इस कदर था कि उन्होंने अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफे की बात तक कर डाली। लोकसभा की कार्यवाही जैसे स्थगित हुई आडवाणी सदन के भीतर अपनी सीट पर कुछ देर तक बैठे रहे।

बुधवार को एक बार फिर विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सदन में मौजूद बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी इससे काफी नाराज हो गए और खाली हॉल को देखकर उन्होंने अपनी नाराजगी जताई। सदन नहीं चलने से निराश बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने पूछा कि वह जानना चाहते हैं कि क्या सदन चलेगा भी या नहीं?आडवाणी ने जब सदन में हंगामे और कम सदस्यों की संख्या के बाद यह पूछा कि सदन चलेगा या नहीं, उसके बाद ही स्पीकर सुमित्रा महाजन ने लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। कांग्रेस सदस्य गुजरात चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर की गई टिप्पणी से नाराज हैं और माफी की मांग पर अड़े हैं। सदन चलाने में सहयोग के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कांग्रेस नेताओं से मुलाकात कर सहयोग की अपील की थी। 

सांसदों के लिए यह कोई नई बात नहीं है कि वह खाली सदन में भी कुछ वक्त तक बैठकर इंतजार करते हैं। कुछ सांसद इस दौरान गंभीर चर्चा भी करते हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी कांग्रेस सासंदों के हंगामे के और उनके सदन से चले जाने के बाद भी अपनी आगे की पंक्ति वाली सीट पर लगभग आधे घंटे तक बैठे रहे। हालांकि आडवाणी के इस बयान के बाद संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार समेत बीजेपी नेता अवाक रह गए थे। आडवाणी की नाराजगी विपक्ष को हमले का एक और मौका दे रही है। 

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