जब वाजपेयी जी ने कहा था- मैं अटल हूं और बिहारी भी, जानिए दिलचस्प किस्सा

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न्यूज डेस्क– आज अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। आज ही के दिन यानी 25 दिसंबर साल 1924 को औपनिवेशिक भारत में ग्वालियर के एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ था।

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अटल बिहारी वाजपेयी 1950 के शुरुआती साल में आरएसएस की मैगजीन निकालते थे जिसकी वजह से उन्हें लॉ स्कूल से निकाल दिया गया था। बाद में आरएसएस से जुड़कर भारतीय जनता पार्टी की आवाज बने। अटल बिहारी वाजपेयी की मात्रभाषा हिंदी थी और उन्हें दुनिया के सामने इसे बोलने में जरा भी झिझक नहीं थी। 1977 में वह जनता सरकार में विदेश मंत्री थे। उस दौरान वह संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने पहुंचे तो भाषण हिंदी में दिया था। उनके भाषण के बाद यूएन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

अटल बिहारी वाजपेयी मंझे हुए राजनेता और रणनीतिकार थे, जिनकी वाक्पटुता का लोहा सब मानते थे। ऐसा ही एक वाकया है बिहार का। अटल बिहारी वाजपेयी यहां एक जनसभा को संबोधित करने आये थे। जनसभा खत्म हुई तो जाते-जाते बोल गए, मैं अटल हूं और बिहारी भी। इस पर लोगों ने खूब तालियां पीटीं।

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