काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का पीएम मोदी ने किया लोकार्पण, जानिए क्या हैं ख़ास बातें

पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में ‘श्री काशी विश्वनाथ धाम’ का लोकार्पण किया और कहा कि इससे देश को एक ‘निर्णायक दिशा मिलेगी.’ पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, “काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण, भारत को एक निर्णायक दिशा देगा, एक उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएगा. ये परिसर, साक्षी है हमारे सामर्थ्य का, हमारे कर्तव्य का.अगर सोच लिया जाए, ठान लिया जाए, तो असंभव कुछ भी नहीं: ” वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने कार्यक्रम को एक बड़े महोत्सव के रूप में तब्दील करने के लिए शहर को ख़ूब सजाया.

ये भी पढें..चंडीगढ़ की हरनाज संधू 21 साल की उम्र जीता मिस यूनिवर्स का खिताब, देखें तस्वीरें

जानकारों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की कोशिश रही कि काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण समारोह से निकलने वाली हर तस्वीर धार्मिक माहौल के रंग से रंगी नजर आए और बनारस को पूरे देश के सामने धर्म और विकास के एक मॉडल के रूप में पेश किया जा सके, जिससे चुनावों पर इसका सकारात्मक प्रभाव दिखायी दे.

तीन भागों में बटा कॉरिडोर

पूरे कॉरिडोर को लगभग 50,000 वर्ग मीटर के एक बड़े परिसर में बनाया गया है. इसका मुख्य दरवाज़ा गंगा की तरफ़ ललिता घाट से होकर है. विश्वनाथ कॉरिडोर को 3 भागों में बांटा गया है. पहला, मंदिर का मुख्य भाग है जो लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है. इसमें 4 बड़े-बड़े गेट लगाए गए हैं. इसके चारों तरफ़ एक प्रदक्षिणा पथ बनाया गया है. उस प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं जिनमें काशी की महिमा का वर्णन है.

दरअसल 1780 में अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरोद्धार कराया था. उसके लगभग तीन शताब्दी के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मंदिर के विस्तारीकरण और पुनरोद्धार के लिये 8 मार्च, 2019 को विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर का शिलान्यास किया था. शिलान्यास के लगभग 2 साल 8 महीने बाद इस ड्रीम प्रोजेक्ट के 95 प्रतिशत कार्य को पूरा कर लिया गया. माना जा रहा है कि इस पूरे कॉरिडोर के निर्माण में 340 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं. हालाँकि पूरे ख़र्च को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.

काशी कॉरिडोर की बुनियाद में सैकड़ों मकान

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में तक़रीबन 400 मकानों और सैकड़ों मंदिरों और लोगों को कहीं और बसाना पड़ा है. विश्वनाथ मंदिर के काफ़ी घनी आबादी में बने होने के कारण लगभग 400 संपत्तियों को ख़रीदा गया और लगभग 14 सौ लोगों को शहर में कहीं और बसाया गया. लगभग 2 साल 8 महीने में इस ड्रीम प्रोजेक्ट के 95 प्रतिशत काम को पूरा कर लिया गया है. वर्तमान में इस कॉरिडोर में 2,600 मज़दूर और 300 इंजीनियर तीन शिफ़्टों में लगातार काम कर रहे हैं.

इस कॉरिडोर को बनाने के दौरान जिन 400 मकानों को अधिग्रहित किया गया, प्रशासन के मुताबिक़ उससे काशी खण्डोक्त 27 मंदिर, जबकि लगभग 127 दूसरे मंदिर प्राप्त हुए थे. कॉरिडोर में उन मंदिरों का भी संरक्षण किया जा रहा है.

काशी खंडोक्त मंदिर को जीर्णोद्धार करके पहले जैसा बनाने की कोशिश हो रही है. इसके लिये पूर्व के सरस्वती गेट के पास 27 मंदिरों की एक मणिमाला बनाई जायेगी जिसमें उन मंदिरों को स्थापित करने की योजना है. यह काम कॉरिडोर के दूसरे चरण में पूरा करने की योजना है.

ये भी पढ़ें.. पड़ोसी ने नाबालिग बच्ची के साथ दरिंदगी से किया रेप, खून से लथपथ मिली मासूम

ये भी पढ़ें.. अय्यर के साथ रोहित शर्मा और शार्दुल का जबरदस्त नागिन डांस, देखें मजेदार वीडियो

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं…)50

Kashi Corridor inaugurationKashi Corridor inauguration PM Modi liveKashi Vishwanath Corridor inaugurationKashi Vishwanath Corridor inauguration LIVE updatesmodi in varanasimodi takes dip in gangapm modi in varanasiPM Modi takes holy dip in ganga
Comments (0)
Add Comment