लापरवाही की हद: लखनऊ जिला कारागार में बांट दी गलत दवा, कई बंदियों की हालत खराब

100 से अधिक बीमार-22 की हालत गंभीर

राजधानी के जिला कारागार में बंदियों को गलत दवा खिला दी गई। इससे 100 से अधिक बन्दी बीमार हो गए। इनमे 22 की हालत गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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डीजी जेल आनंद कुमार के मुताबिक फार्मासिस्ट ने सेट्रीजिन की जगह मानसिक अस्वस्थता की हेलो पेरिडोल दवा दे दी थी। इससे कुछ बंदियों को सुस्ती, नींद भारीपन महसूस होने लगा था। फार्मासिस्ट आशीष वर्मा को लापरवाही के लिए नोटिस देकर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।

जेल प्रशासन के अनुसार 22 बंदी जेल अस्पताल में भर्ती हैं। इनमे करीब छह बंदियों की हालत में कोई सुधार नही हुआ है। दरअसल, सर्किल तीन के 22 बंदियों को जेल डॉक्टर एनके वर्मा के परामर्श पर एंटी एलर्जिक दवा सेट्रीजिन दी जानी थी। फार्मासिस्ट ने उसकी जगह हेलो पेरिडोल दवा दे दी। तबीयत बिगड़ने पर आनन फानन बंदियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जेप्रशासन का दावा है कि बंदियों की हालत में सुधार है। घटना की जानकारी होने पर डीआइजी जेल संजीव त्रिपाठी ने जेल अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि गलत दवा से 100 से अधिक बंदी बीमार हुए, लेकिन 22 की हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल भेजा गया। गंभीर रूप से बीमार बंदियों को रेफर भी किया जा सकता है।

उधर, बंदियों को मानसिक अस्वस्थता की दवा खिलाने को जेल अधिकारियों ने गम्भीरता से लिया है। इस सम्बंध में जेल अधीक्षक से भी रिपोर्ट तलब की गई है। बताया गया कि बंदियों की बीमारी के मामले को पहले दबाने की कोशिश की गई, लेकिन मामला बढ़ता देख अधिकारियों ने चुप्पी तोड़ी। बीमार बंदियों में सर्किल तीन के हाता 11 व 15 के बंदी शामिल हैं।

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