नए कानून के तहत अब 13,896 होगा न्यूनतम वेतन, न देने पर 3 साल की कैद

दिल्ली– देश की राजधानी में अब न्यूनतम वेतन न देने वाले नियोक्ताओं के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई होगी। सरकार ने न्यूनतम वेतन कानून का उल्लंघन करने वाले दोषियों की सजा और जुर्माने में बढ़ोतरी की है।

सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक न्यूनतम वेतन कानून के उल्लंघन पर अब नियोक्ता को 50 हजार रूपये जुर्माना एवं तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है। दोबारा कानून के उल्लंघन पर 20 हजार रुपये जुर्माने के साथ एक वर्ष की कैद का प्रावधान है।

इस कानून के आधार पर तय न्यूनतम वेतनमान से कम पर नौकरी पर रखने वालों पर 20 हजार रुपये जुर्माने के साथ तीन साल तक की सजा का प्रावधान इस कानून में किया गया है। आम आदमी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडर से इस आशय की जानकारी लोगों को दी है। इसी के साथ पार्टी ने गजेट का पेपर भी जारी किया है। 

अब नए कानून के लागू होने के साथ ही दिल्ली में न्यूनतम वेतन 13,896 रुपये है। राजधानी में अकुशल मजदूरों के लिए 13,896, अर्ध कुशल के लिए 15,296, कुशल के लिए 16,858 रुपये मासिक वेतन निर्धारित किया गया है। इसके अलावा दसवीं फेल के लिए 15,296, दसवीं पास के लिए 16,858 और ग्रेजुएट एवं ज्यादा शिक्षित के लिए 18,332 रुपये प्रति माह न्यूनतम वेतन है। दिल्ली कैबिनेट ने 25 फरवरी 2017 को यह दरें लागू की थीं।

गौरतलब है कि वर्ष 2015 में दिल्ली सरकार ने दिल्ली विधानसभा में न्यूनतम वेतन संशोधन विधेयक पास किया था। इसके तहत अकुशल, अर्धकुशल और कुशल मजदूरों को निर्धारित वेतन से कम वेतन देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का प्रस्ताव किया गया था। पहले श्रमिकों को कम वेतन दिए जाने की शिकायत पर श्रम विभाग भी कड़ी कार्रवाई नहीं कर सकता था। दिल्ली सरकार द्वारा इस कानून में सरकार की परिभाषा सही से स्पष्ट न करने की वजह से इसे अधिसूचित करने में देरी हो रही थी।

 

 

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