लखनऊ: “Mother’s day” पर गोमती नदी में चलाया गया स्वच्छता अभियान

लखनऊ– “Mother’s day” पर मई माह के दूसरे रविवार को डालीगंज स्थित प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ-मंदिर की महंत देव्यागिरि की अगुआई में शहर की लाइफ लाइन-गोमती नदी में स्वच्छता अभियान संचालित किया गया।

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लॉकडाउन में भी आदि गंगा मां गोमती के साफ न होने पर उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त की। इस अवसर पर गोमती स्वच्छता अभियान से जुड़ी महिलाओं का सम्मान भी किया गया। “Mother’s day” पर सम्मानित होने वालों में किरन कपूर, प्रियंका कपूर, कोमल कश्यप, उपमा पाण्डेय, गौरजा गिरि, कल्याणी गिरि, तुलसी पाण्डेय, जमुना राणा,निशा कश्यप, प्रिया कपूर शामिल रहीं।

“Mother’s day” पर महंत देव्यागिरि ने बताया कि 8 मई, 1914 को राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया था। तब से यह दिवस माताओं के प्रति कृतिज्ञता प्रकट करने के लिए मनाया जाने लगा। महंत देव्यागिरि ने “Mother’s day” पर रविवार को मनकामेश्वर मठ में पूजन करने के बाद मनकामेश्वर के गोमती पूजन घाट पर स्वच्छता अभियान संचालित किया। इसके माध्यम से उन्होंने सरकार और आम जन का ध्यान आकर्षित किया कि इस लॉकडान में भी शहर की लाइफ लाइन गोमती नदी साफ नहीं हुई है।

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इसलिए इस दिशा में तुरंत सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। “Mother’s day” पर उन्होंने बताया कि गोमती नगरी पीलीभीत से निकली कर शाहजहांपुर, खीरी, सीतापुर, लखनऊ, सुल्तानपुर होते हुए जौनपुर होते हुए गाजीपुर जिले की सीमा में गंगा में समाहित हो जाती है। नौ-सौ किलोमीटर के इसके मार्ग में औद्योगिक और शहरी कचरे के कारण यह आज नाला बन गई है।

पुराणों के अनुसार गोमती ब्रह्मर्षि वशिष्ठ की पुत्री हैं तथा एकादशी को इस नदी में स्नान करने से संपूर्ण पाप धुल जाते हैं। हिन्दू ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार भी गोमती मोक्षदायनी नदी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रावण वध के बाद “ब्रह्महत्या” के पाप से मुक्ति के लिये भगवान राम ने गुरु महर्षि वशिष्ठ की आज्ञा से गोमती में स्नान किया था। वर्तमान दौर में वह स्थान सुल्तानपुर जिले की लम्भुआ तहसील में धोपाप नाम से जाना जाता है। गंगा दशहरे पर वहां स्नान करने वाले भक्तों की भीड़ उमड़ आती है। जन जागरुकता और सरकारी सख्त प्रयासों के चलते एक बार दोबारा शहर की लाइफ लाइन निर्मल हो सकती है।

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