लखनऊ — लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बज चुका है.सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए है. वहीं लखनऊ लोकसभा सीट पर तमाम राजनीतिक दल और उनके संभावित उम्मीदवार चुनावी समर में ताल ठोंकने को तैयार हैं.
उल्लेखनीय है कि इस बार इन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला युवा करेगा. यानी इस बार लखनऊ लोकसभा सीट की इबारत यंगिस्तान लिखेगा. वजह भी साफ है. आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक तादाद में युवा वोटर्स इस बार वोट करेंगे. चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि बीते 10 साल में 2.32 लाख युवा वोटर्स अपना नाम लिस्ट में जुड़वा चुके हैं.
वहीं, बीते एक साल में 18 साल की उम्र पूरी करने वाले 21358 वोटर्स ने अपना नाम दर्ज कराया है और वे आगामी लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट की चोट करेंगे. इन वोटर्स की इतनी भारी तादाद को देखकर अब राजनीतिक दल व उम्मीदवार भी युवाओं को लुभाने के लिये उनसे रिलेटेड नीतियां व योजनाएं पेश करने की रणनीति बना रहे हैं.
बता दें कि राजधानी में युवा वर्ग सबसे बड़ा वोटर वर्ग है जो इस बार उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेगा. आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि इस वक्त राजधानी में 18 से 35 आयुवर्ग के 9.07 लाख से अधिक वोटर हैं. उल्लेखनीय है कि आगामी 6 मई को होने वाले लखनऊ लोकसभा सीट के लिये चुनाव में 19.58 लाख से अधिक वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.