दरोगा पति करता था अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न,अदालत की शरण में पहुंची पत्नी

प्रतापगढ़ — नगर कोतवाली के करनपुर की युवती पति द्वारा अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न की शिकार हो कर न्याय की खातिर अधिकरियों के चक्कर लगाकर थक चुकी है। लेकिन सुनवाई इसलिए नही हो रही कि उसका पति रजेंद्र सिंह STF प्रयागराज में दरोगा है। आजिज युवती ने अदालत की शरण मे पहुची।

नहीं बन सकती थी मां

दरअसल पति पत्नी का रिश्ता पवित्र होने के साथ ही सात जन्मों का होता है। एक दूसरे के दुखदर्द को बांटने वाला होता है लेकिन यहा कलयुगी पति ने रिस्तो को शर्मशार कर दिया। शादी के बाद दो चार दिन तो पत्नी का सुख लिया लेकिन फिर मनमानी पर उतर आया और विरोध के बावजूद जोर जबरदस्ती अप्राकृतिक सम्बन्ध बनाने लगा। तंग युवती ने मां को फोन पर आपबीती बताई तो पिता अपनी लाडली को लेने प्रयागराज पहुंच गया। काफी जद्दोजहद के बाद रणवेंद्र ने सादे कागज पर दोनों से दतख्त कराने के बाद पत्नी को उसके पिता के हवाले कर दिया, और धमकी दिया कि यदि कोई कार्यवाही की तो अंजाम बुरा होगा।

युवती को किन्नर बताकर किया मुकदमा

मायके आने के बाद प्रयागराज और प्रतापगढ़ की पुलिस की चौखट पर पीड़ित पिता पुत्री फरियाद लेकर चक्कर लगाते रहे लेकिन मामला स्टाफ के दरोगा का होने के चलते कही सुनवाई नही हुई। थकहारकर पीड़िता 1 नवंबर को 19 को रजिस्टर्ड डाक से शिकायती पत्र भेजते हुए अदालत की शरण मे चली गई। अदालत द्वारा आरोपी पति को तलब किये जाने के बाद पेशबंदी करते रणवेंद्र ने प्रयागराज के कैंट थाने में युवती को किन्नर बताते हुए मुकदमा दर्ज करवा दिया। अभी कुछ दिन पहले अमेठी में गिरतार हुआ फर्जी कमिश्नर का छोटा भाई है रणवेंद्र।

अक्टूबर 2019 में हुई थी शादी

बता दे कि प्रियंका की शादी 5 अक्टूबर 19 को बेल्हा देवी में पूरे रीति रिवाज और भारी भरकम दहेज देकर दो बच्चों के बाप से महज इसलिए किया था कि बेटी मां नही बन सकती। तमाम जांच पड़ताल के बाद डॉक्टरों ने बताया कि आपकी बेटी मां नही बन पाएगी बाकी कोई दिक्कत नही है। इसके बाद रविन्द्र सिंह ने निर्णय लिया कि बेटी का व्याह उसी से करेंगे जिस युवक के बच्चे हो लेकिन वीवी न हो ताकि सामान्य रूप से जीवन का निर्वहन हो सके।

काफी खोजबीन के बाद पता चला कि लालगंज इलाके के बहुचरा में एक युवक है जिसके दो बच्चे है और वीवी का देहांत हो चुका है और STF प्रयागराज में दरोगा है। रविन्द्र को जैसे मनमांगी मुराद मिल गई, रणवेंद्र और उसके परिवार वालो से बातचीत हुई तो रणवेंद्र भी सहर्ष तैयार हो गया कि हम भी ऐसी ही लड़की चाहते थे। जिसके बाद दोनों की शादी हो गई। बड़ा सवाल ये है कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए तमाम दावे करती है लेकिन सरकार के नुमाइंदे ही इसकी लगातार धज्जियां उड़ा रहे है तो ऐसे में कैसे मिलेगा न्याय महिलाओं को?

(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)

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