लखनऊ चिड़ियाघर में अब नहीं सुनाई देगी हुक्कू बंदर कालू की आवाज

लखनऊ प्राणी उद्यान में आकर्षण का केंद्र रहे हुक्कू बंदर की मौत से दौड़ी शोक की लहर.

लखनऊ — राजधानी लखनऊके लखनऊ प्राणी उद्यान का सबसे लोकप्रिय जीव हुक्कू बंदर कालू आवाज शुक्रवार को हमेशा के लिए खामोश हो गई.बताया जा रहा है कि हुक्कू बंदर कालू उर्फ श्याम को सुबह सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. इसी के चलते कालू अचेत होकर अपने बाड़े में पड़ा हुआ था.जिसे तुरंत पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर उत्कर्ष शुक्ला ने वन्यजीव चिकित्सालय ले जाकर उसका इलाज़ शुरू किया और फ्लूड व दवाईयां भी दी गईं.लेकिन उसकी जान नहीं बचा सके.

इकलौते हुक्कू बंदर की मौत से दौड़ी शोक की लहर…

हुक्कू बंदर कालू की मौत की खबर से हर तरफ शोक की लहर दौड़ गई. एक तरफ अपने इकलौते हुक्कू बंदर की मौत से प्राणी उद्यान के अधिकारी और कर्मचारी दुखी नजर आए. तो वहीं खबर फैलते ही लोगों ने सोशल मीडिया पर भी तस्वीरें शेयर करते हुए दुःख जताया.

1988 को लखनऊ प्राणी उद्यान लाया गया था कालू…

लखनऊ प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ आर. के. सिंह के मुताबिक ‘कालू हुक्कू बंदर को 27 नवंबर 1988 को लखनऊ प्राणी उद्यान लाया गया था. उस वक्त कालू की उम्र 7 से 8 वर्ष के बीच बताई गई थी. जिसके आधार पर कालू करीब 39 वर्ष का था’. बता दें कि कालू लखनऊ प्राणी उद्यान का इकलौता हुक्कू बंदर था. हालांकि साल 2002 में उत्तराखंड से ही रानी नाम की मादा हुक्कू बंदर लाई गई थी, लेकिन पांच साल बाद उसकी मौत हो गई, जिसके बाद से कालू खुद को काफी अकेला महसूस कर रहा था.

Hukku monkeylucknow
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